दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से धोखा, कोर्ट में सैलरी बढ़ाने का केस जीते पर सिस्टम से हारे
खरगोन. सालाना 300 करोड़ रुपये वाली खरगोन नगर पालिका अपने 354 कर्मचारियों (दैनिक वेतन भोगी) के पारिश्रमिक में वृद्धि नहीं करना चाहती है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने श्रम न्यायालय खंडवा में केस दायर किया था। कर्मचारियों के पक्ष में फैसला हुआ और न्यायालय ने नगर पालिका को निर्देशित किया कि बढ़ा हुआ वेतन और एक साल की वेतनवृद्धि दी जाए। इस पर नगर पालिका के अधिकारियों व परिषद ने बीच का रास्ता निकाल लिया।
बढ़ा हुआ वेतन नहीं चाहने का भरवा रहे शपथ पत्र
एक साल की वेतनवृद्धि के एक करोड़ 52 लाख रुपये नहीं देने पड़ें, इसलिए कर्मचारियों से शपथ पत्र भरवाए जा रहे हैं। इसमें उनसे लिखवाया जा रहा है कि वे बढ़ा हुआ वेतन नहीं चाहते हैं और भविष्य में किसी तरह की कोई अपील या शिकायत भी नहीं करेंगे।
जिला श्रम पदाधिकारी के सामने बयान दर्ज कराए थे
ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों द्वारा उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी भी दी जा रही है। कर्मचारियों ने चार साल पहले श्रम आयुक्त इंदौर द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक से कम दर पर पारिश्रमिक प्राप्त होने पर कार्यालय जिला श्रम पदाधिकारी खरगोन के समक्ष बयान दर्ज कराए थे। इस पर जिला श्रम पदाधिकारी ने श्रम न्यायालय खंडवा में प्रकरण दर्ज किए थे। इसके बाद श्रम न्यायालय खंडवा द्वारा प्रकरण कमांक-01/एम.डब्ल्यू. एक्ट/2021 एवं प्रकरण कमांक-03/एम. डब्ल्यू एक्ट/2021 में आठ अगस्त 2024 को आदेश पारित किया है। इसमें 10 दिसंबर 2019 से 10 दिसंबर 2020 की अवधि की अंतर राशि एवं उसका एक गुना राशि का भुगतान किए जाने के लिए निर्देशित किया है। परिषद के साधारण सम्मेलन 21 दिसंबर 2024 के संकल्प क्रमांक 52 अनुसार आदेश आठ अगस्त 2024 से श्रमायुक्त इंदौर द्वारा निर्धारित दर पर पारिश्रमिक का भुगतान नगरपालिका द्वारा प्रतिमाह किए जाने एवं समय-समय पर होने वाली वृद्धि दरों पर पारिश्रमिक का भुगतान किया जाना है।