MP के अधिकारियों के वेतन से होगी भरपाई

भोपाल. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना लगाने के साथ ही कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन से कटौती कर नुकसान की भरपाई की जाए। पूरा मामा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई अपील में देरी से जुडा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अपील में देरी के लिए अधिकारियों की उदासीनता जिम्मेदार है और इसके कारण सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है।
मध्य प्रदेश सरकारर पर जुर्माना
राज्य सरकारों के द्वारा अपील दायर करने में देरी करे पर सुप्रीम कोर्ट ने कडी नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने अपील में देरी करने वाली राज्य सरकारों को आदेश दिया है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि अपील में देरी के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे। अधिकारियों की उदासीनता के कारण सरकारी खजाने को नुकसान होता है और यह नुकसान अधिकारियों के वेतन से भरा जाए। कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
ये है मामला
पूरा मामला कटनी जिले के एक जमीन विवाद से जुड़ा है। जिसे लेकर हाईकोर्ट के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकारों को बिना उचित आधार के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करनी चाहिए। मध्य प्रदेश के अधिकारियों के कामकाजी रवैये का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस मामले में निचली अदालत ने 21 अगस्त 2014 को फैसला सुनाया था। सरकारी वकील ने 25 अगस्त 2015 को कलेक्टर को सूचित किया। इसके बाद कलेक्टर ने 10 दिसंबर 2015 को मुख्यमंत्री सचिवालय को जानकारी दी। फिर विधि विभाग ने 26 अक्टूबर 2018 को अपील की अनुमति दी, जिसकी जानकारी 31 अक्टूबर 2018 को कलेक्टर को भेजी गई। इसके एक साल बाद 18 अक्टूबर 2019 को सरकारी वकील ने मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। इस तरह, अपील में 1788 दिन की देरी हुई, जिसके कारण हाई कोर्ट ने अपील खारिज कर दी। अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।