MP में एटीएम की सुरक्षा बढ़ी, डिजिटल वन टाइम कांबिनेशन लाक से हुए लैस

ग्वालियर. मध्य प्रदेश के एटीएम तकनीक से लैस होकर अब ज्यादा सुरक्षित हो गए है क्योंकि अब उनमें नकदी भरने के लिए डिजिटल वन टाइम कांबिनेशन लॉक का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश भर में 8333 मशीनों को अपग्रेड किया गया है या उन्हें बदल दिया गया है। हाल ही में जारी राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अपग्रेड सिस्टम से मशीन में होने वाली छेडछाड की सूचना तत्काल पुलिस और बैंक को मिलेगी जिससे मशीनों में होने वाली छेडछाड, चोरी, ठगी या काटने की घटनाओं पर लगाम लगेगी।
आए दिन एटीएम के साथ होने वाली धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को नए निर्देश दिए थे कि सभी एटीएम दीवार, जमीन या खंभे से जुड़े होने चाहिए। डिजिटल निगरानी ऐसी हो कि उसमें छेड़छाड़ की सूचना तुरंत बैंक को मिले। ओटीसी लाक यानी अंक आधारित लाक जिसका एक बार भी उपयोग हो सके, लगाए जाएं। नई कैसेट-स्वैपिंग प्रणाली को अपनाया जाए व आपरेटिंग सिस्टम में भी सुधार हो। इन निर्देशों के चलते वर्ष 2022 में 510 एटीएम बूथ की संख्या घट गई थी। जिन एटीएम में सुरक्षा के कोई उपाय नहीं थे, उन्हें बैंकों ने बंद कर दिया था।
जब मशीनों को अपग्रेड किया तो वर्ष 2023 में इनकी संख्या बढ़कर 516 हो गई। वर्तमान में मध्य प्रदेश में एटीएम लगभग 9500 एटीएम संचालित हैं, जिनमें से अधिकांश में नकदी डालने के लिए सिर्फ ओटीसी लाक का उपयोग होगा। अपग्रेड एटीएम के अलावा अन्य एटीएम ऐसे है जो पहले से सुरक्षित परिसर में हैं।
एटीएम में होने वाली घटनाएं बढ़ गई थीं। आरबीआइ ने उन्हें अपग्रेड करने के निर्देश दिए थे। प्रदेश में पुरानी मशीनों के स्थान पर नई तकनीक से लैस मशीनों को स्थापित किया गया है, ताकि मशीन चोरी या उनमें होने वाली छेड़छाड़ की सूचना तत्काल मिल सके।

– अमिता शर्मा, एलडीएम सेंट्रल बैंक ग्वालियर