चाकू से 26 बार किया हमला, लेकिन मासूम ने बदमाश नहीं छोड़, जिन्दगी के लिये जेएएच में संघर्ष कर रहा है
ग्वालियर-जयारोग्य अस्पताल का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल। चिल्ड्रन वार्ड में एक बेड पर भर्ती है 12 साल का मासूम। पूरे शरीर पर घाव और पटि्टयां। कभी दर्द से कराहता है, तो कभी सिसकता है। ‘मुझे बचाओ, मुझे मार डालेंगे, छोड़ दो किसी से कुछ नहीं कहूंगा’ बोलते-बोलते बेहोश हो जाता है। किसी को भी देखकर आंखें बंद कर लेता है।
12 वर्षीय समर अहिरबार का पिछले 7 दिनों से यही हाल है। 15 मार्च को छतरपुर के नारायणबाग स्थित घर में घुसे बदमाश ने उस पर हमला कर दिया था। आरोपी ने चाकू से 26 वार किये और समर लहूलुूहान हो गया, फिर भी बदमाश को नहीं छोड़ा। वह उसे मरा समझकर छोड़ कर चला गया। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
चोरी की नियत से घुसा था चोर
मेरा नाम सुमन अहिरबार है, छतरपुर के पठापुर के सरकारी स्कूल टीचर हूं। यहां नारायण बाग पहाडिया इलाके में रहती हूं। कोई संतान नहीं है। समर के पिता और मेरा भाई राकेश अहिरबार बिजावर के दमौतीपुरा में रहते हैं। उसे 2 बेटे और एक बेटी है। 3 साल पहले समर की मां राजकुंवर देवी का बीमारी से निधन हो गया था। इसके बािद से तीनों बच्चे मेरे साथ ही रहते हैं। यही पढ़ाई भी करते हैं। समर ने इसी साल 5वीं पास किया है।