यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट में उठा धुआं, यूक्रेन का दावा- हो सकता है चेरनोबिल से 10 गुना बड़ा ब्लास्ट
रूस ने यूक्रेन पर हमले (Russia-Ukraine War) तेज कर दिए हैं. 9 दिन से जारी जंग में अब तक यूक्रेन के 10 शहर तबाह हो चुके हैं. करीब 1 करोड़ लोग देश छोड़ चुके हैं. इस बीच खबर है कि यूक्रेन में Zaporizhzhia Oblast प्रांत के एनरहोदर शहर में रूस ने बड़ा हमला कर दिया है. यूक्रेनी अधिकारी का दावा है कि इस अटैक के बाद यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा केंद्र से धुएं के गुबार उठते दिखाई दे रहे हैं. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने आग लगने के बाद रूसी सैनिकों से यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Zaporizhzhia Nuclear Plant) पर हमला बंद करने का आह्वान किया. कुलेबा ने ट्वीट किया, “अगर यह उड़ा, तो यह चेरनोबिल से 10 गुना बड़ा ब्लास्ट होगा! रूसियों को तुरंत आग बंद करनी चाहिए.”
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने यूक्रेन के सरकारी अधिकारी के हवाले से बड़ी खबर दी है कि यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा केंद्र (Zaporizhzhia Nuclear Plant) से धुआं उठता दिखाई दे रहा है. दरअसल, जेपोरीजिया (Zaporizhzhia) से एनरहोदर की दूरी महज 122 किमी है. Enerhodar, Nikopol और Chervonohryhorivka के सामने, Kakhovka जलाशय के पास नीपर नदी के बाएं किनारे पर स्थित है.
यूक्रेन में Zaporizhzhia परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 6 रिएक्टर हैं, जो पूरे यूरोप में सबसे बड़ा और पृथ्वी पर 9वां सबसे बड़ा रिएक्टर माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस वर्तमान में इस पर मोर्टार और आरपीजी से हमला कर रहा है. ऊर्जा केंद्र के कुछ हिस्सों में फिलहाल आग लगी हुई है. रूसियों ने दमकलकर्मियों पर भी फायरिंग की है.
इससे पहले यूक्रेनियन मिलिट्री एक्सपर्ट अन्ना कोवालेंको के मुताबिक चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) पर रूसी सैनिकों ने 24 फरवरी 2022 को कब्जा कर लिया था. रूसी सैनिकों ने रेडिएशन मॉनिटरिंग स्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों को बंधक बना लिया. ये कर्मचारी मॉनिटरिंग स्टेशन पर रेडिएशन का स्तर देखते रहते हैं. साथ ही उन्हें रेडिएशन को सुरक्षित स्तर पर रखने की जिम्मेदारी भी दी गई है.
यूक्रेन (Ukraine) के अधिकारियों ने दावा किया है कि रूस (Russia) के हमले की वजह से चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) का रेडिएशन स्तर 20 गुना बढ़ गया था. यह बेहद उच्च स्तर पर था, लेकिन गंभीर नहीं था. यूक्रेन ने कहा कि रूस के हमलों की वजह से रेडियोएक्टिव धूल चारों तरफ फैल गए. इनकी वजह से रेडिएशन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है.