Ukraine-Russia War: कीव की तरफ बढ़ रहा रूसी सेना का 64 KM लंबा काफिला, सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा
यूक्रेन (Ukraine) की राजधानी कीव (Kyiv) की तरफ रूस की विशाल सेना आगे बढ़ रही है. इस बात का खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों में हुआ है. अमेरिका कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीस ने सोमवार को जानकारी दी है कि कीव के उत्तर में 40 मील यानि 64 किमी लंबा रूसी सैन्य काफिला मौजूद है. खास बात है कि इससे पहले काफिले की लंबाई 17 मील यानि 27 किमी आंकी गई थी. यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई जारी है.
अमेरिकी कंपनी मैक्सार की सैटेलाइट तस्वीरों में नजर आ रहा है कि कीव के बाहरी क्षेत्रों में पहुंचे काफिले की लंबाई पहले की तुलना में अधिक है. सीएनएन से बातचीत में कंपनी ने कहा था कि विशाल सैन्य काफिले में बख्तरबंद हथियार, तोपें समेत कई अन्य वाहन शामिल थे. मैक्सार ने बताया कि अतिरिक्त सैटेलाइट तस्वीरों के मिलने और आकलन के बाद काफिले की लंबाई के संबंध में नई जानकारी मिल सकी है. कंपनी ने कहा कि सोमवार को जुटाई गई तस्वीरें और डेटा में देखा गया था कि काफिला एंटोनोव एयरबेस से लेकर प्रिबर्स्क के उत्तर तक मौजूद था.
यूक्रेन, रूस के अधिकारियों ने परमाणु खतरे की आशंका के बीच वार्ता की
रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों ने वार्ता के लिए सोमवार को मुलाकात की. रूस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में जमीन पर सबसे बड़ी लड़ाई छेड़ रखी है लेकिन उसे अप्रत्याशित कड़े विरोध से जूझना पड़ रहा है. कीव में सोमवार को तनावपूर्ण शांति रही लेकिन पूर्वी यूक्रेन के शहरों में धमाकों एवं गोलीबारी सुनाई दी. दहशत के मारे यूक्रेनी परिवार आश्रयों व बेसमेंट में सिमटे रहे.
यूक्रेन के सैनिकों के पास हथियारों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन दृढ इरादों से लबरेज इन सैनिकों ने, कम से कम फिलहाल, राजधानी कीव और अन्य प्रमुख शहरों में रूसी सैनिकों की रफ्तार थाम ली है. यूक्रेनी सैनिकों से मिल रहे कड़े प्रतिरोध और विनाशकारी प्रतिबंधों से तिलमिलाए रूसी राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन ने रूस के परमाणु बलों को हाईअलर्ट पर रहने का आदेश दिया है.
पिछले सप्ताह शुरू हुए रूसी हमले के बाद से विस्फोटों और बंदूकों की तड़तड़ाहट से दहल उठी राजधानी कीव में रविवार रात को हमले की रफ्तार कुछ कम प्रतीत हुई. खारकीव में अधिकारियों ने कहा कि कम से कम सात लोग मारे गए और कई घायल हो गए. उन्होंने चेतावनी दी कि हताहतों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है. घरों, स्कूलों और अस्पतालों पर गोलाबारी के सबूत होने के बावजूद रूसी सेना ने रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने से इनकार किया है.
दक्षिण-पूर्व यूक्रेन के मारीउपोल में सिसकती हुई एलेंक्जड्रा मिखाईलोवा ने कहा, ‘मैं बैठकर प्रार्थना करती हूं कि ये वार्ता सफलतापूर्वक समाप्त हों ताकि वे नरसंहार बंद करने के लिए समझौते तक पहुंच पाएं तथा और युद्ध न हो.’ उसके आसपास लोग बच्चों को दिलासा देने की कोशिश करते नजर आये.
अब भी उम्मीद की किरणें नजर आ रही हैं. सोमवार को युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन और रूस के अधिकारी पहली बार आमने-सामने वार्ता की मेज पर बैठे. वार्ता की विशाल मेज पर एक तरफ यूक्रेन का झंडा और दूसरी ओर रूस का झंडा था. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि वह तत्काल संघर्षविराम और रूसी सैनिकों की वापसी की मांग करेगा.
यूक्रेन ने अपने रक्षा मंत्री एवं अन्य शीर्ष अधिकारियों को वार्ता के लिए भेजा जबकि रूस के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई पुतिन के संस्कृति विषयक सलाहकार कर रहे हैं. यह इस बात का संकेत है कि रूस वार्ता को किस नजरिए से देखता है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस वार्ता से या युद्ध से क्या चाह रहे हैं. पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है पुतिन यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकना और उसकी जगह अपनी पसंद का शासन एवं मॉस्को का शीतयुद्ध कालीन प्रभाव बहाल करना चाहते हैं.