फर्जी हुण्डीकाण्ड -11 मार्च को ग्वालियर बंद का आवहान, फर्जी हुण्डी के नाम पर करोड़ों की ठगी की जांच अब सीआईडी करेगी, बिना मांग के बदली जांच एजेंसी
फर्जी हुण्डी चलाकर लगभग 70 से 80 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी के मामले में अब सीआईडी (क्राइम इंवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट) के सुपुर्द कर दिया गया है। वह भी ऐसे समय में पुलिस इसमें ठीक काम कर रही थी और साथ ही किसी ने जांच एजेंसी बदलने की मांग तक नहीं की थी। पुलिस इस मामले में मुख्य आरोपी हुण्डी दलाल आशु और उसके पिता, 2 सटोरियों समेत 5 गिरफ्तारी कर चुकी सटोरिया रीतेश उर्फ मोनू गुप्ता और दलाल की पत्नी अभी तक इस मामले में फरार है और साथ ही पुलिस ठगा गया रूपया बरामद नहीं कर पायी है। ऐसे में अचानक से जांच एजेंसी बदलना अपने आप में कई प्रश्न रखड़े कर रहा है। कहीं यह मामले को दबाने की कोशिश तो नहीं हो रही है।
क्या है पूरा मामला
शहर में सबसे बड़े हुंडी कांड का खुलासा लगभग 2 माह पहले हुए था। दाल बाजार से हुंडी दलाल आशीष उर्फ आशु गुप्ता के अचानक गायब हो जाने के बाद हंगामा खड़ा हो गया था। उसके गायब होते ही करीब एक दर्जन व्यापारी पुलिस कप्तान के पास पहुंचे थे। उन्होंने बताया था कि आशीष ने व्यापारियों से करीब 70 से 80 करोड़ रुपए लेकर हुंडी पर चलाने के लिए लिया था,, लेकिन उसने फर्जी हुंडी थमाकर पूरा पैसा हड़प लिया। इस मामले की जांच ASP क्राइम राजेश डंडोतिया को सौपी गई। उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपनी टीम के साथ मिलकर हुंडी दलाल आशीष को पकड़ा। उससे पूछताछ की तो कई राज खुले। जिसमें गुना,डबरा और भोपाल के सटोरियो के नाम सामने आए। पुलिस टीम ने वहां दबिश देकर गुना व भोपाल के सटोरियों को भी दबोच लिया। हुंडी मामले में आशीष के पिता को भी पकड़ लिया गया। पुलिस की कार्रवाई ठीक ढंग से चल रही थी। परिणाम भी बेहतर मिल रहे थे। लेकिन अचानक CID के पाले में इस कांड की गैंद डालना समझ से परे है। इसको लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर पुलिस के पाले से यह जांच CID के पाले में क्यों डाली गई है। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस मामले को भूला दिया जाए और व्यापारी हाथ मलते रह जाए। उन्हें अपनी गवाई रकम भी न मिल सके।
सटोरिया मोनू और आशु की पत्नी गिरफ्तारी होना है
अभी इस मामले में पुलिस डबरा के मोनू और हुण्डी दलाल की पत्नी की गिरफ्तारी नहीं कर पायी है। हालांकि पुलिस ने इन दोनों की तलाश के लिये अपनी टीम लगा रखी है। कई ठिकानों पर दविश दी गयी है। कुछ और भी ठिकाने पुलिस को पता लगे थे। लेकिन अभी तक जांच सीआईडी के पाले में जाने से इस मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों को निराशा हाल लगी है। इस जांच के जाने से कही न कहीं उनका भी मनोबल टूटा है।
11 मार्च को ग्वालियर बंद का आवहान
मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 11 मार्च को ग्वालियर बन्द के आवहान किया है। इस बंद पर व्यपारियों का समर्थन जुटाने और ठग आशु गुप्ता के परिजनों ओर मोनू गुप्ता की गिरफ्तारी की मांग को लेकर व्यपारियो का एक धरना बुधवार लोहा व्यवसायी संघ के नेतृत्व में लोहिया बाजार में दिया गया।