क्या गांगुली-द्रविड़ से हुई बातचीत सार्वजनिक करने पर साहा को नोटिस भेजेगी BCCI? जानिए क्या है बोर्ड का प्लान
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) से हुई बातचीत सार्वजनिक करने के मामले में भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman saha) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीसीसीआई (BCCI) उनसे इस मसले पर सवाल-जवाब कर सकती है. दरअसल, साहा ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज की टीम से ड्रॉप होने के बाद कोच राहुल द्रविड़ पर निशाना साधा था. उन्होंने खुलासा किया था कि द्रविड़ ने उनसे संन्यास के बारे में सोचने के लिए कहा था. साहा के लिए यही बात अब परेशानी खड़ी कर सकती है. क्योंकि वो बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल हैं और उनका यह बयान प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.
खिलाड़ियों द्वारा साइन किए जाने वाले सालाना सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट (साहा 3 करोड़ रुपये की वार्षिक रिटेनरशिप के साथ ग्रुप बी में हैं) में एक क्लॉज 6.3 है, जिसका स्पष्ट रूप से भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने उल्लंघन किया है. खिलाड़ियों के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के क्लॉज 6.3 में कहा गया है, ‘कोई भी खिलाड़ी खेल, अधिकारियों, खेल में हुई घटनाओं, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल, सेलेक्शन प्रोसेस या खेल से संबंधित किसी भी अन्य मामले के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेगा, जो बीसीसीआई की राय में प्रतिकूल है और/ खेल, टीम के हित में भी नहीं है
रिद्धिमान से बीसीसीआई सवाल-जवाब कर सकती है: धूमल
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इस मसले पर कहा, ‘हां, इस बात की संभावना है कि बीसीसीआई रिद्धिमान से पूछ सकती है कि एक केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर होने के नाते उन्होंने चयन के मामलों पर कैसे बात की? जहां तक अध्यक्ष का सवाल है, उन्होंने उन्हें प्रेरित करने की कोशिश की थी. बोर्ड शायद यह जानना चाहेगा कि आखिर किस वजह से उन्होंने बंद कमरे में कोच राहुल द्रविड़ से हुई बातचीत को सार्वजनिक किया.
साहा को नोटिस भेज सकती है बीसीसीआई
तो क्या बीसीसीआई औपचारिक कारण बताओ नोटिस देगा या मौखिक रूप से इस मुद्दे के बारे में पूछेगा? इस सवाल के जवाब में धूमल ने कहा, ‘हमने अभी तक इस मामले पर फैसला नहीं किया है। हम सभी व्यस्त हैं. लेकिन कुछ दिनों में इस पर फैसला हो जाएगा.’
साहा को बातचीत सार्वजनिक करने से बचना चाहिए था
बीसीसीआई में कई लोगों का मानना है कि साहा को द्रविड़ के साथ अपनी बातचीत को सार्वजनिक करने से बचना चाहिए था. क्योंकि इससे निश्चित रूप से उनकी छवि खराब हुई है. बीसीसीआई एक सीनियर अधिकारी ने इस मसले को लेकर कहा कि राहुल द्रविड़ पहले ही यह कह चुके हैं कि वो साहा की बात से आहत नहीं है. क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि यह सारी बातें साहा को मीडिया से पता चले. यह निजी बातचीत थी और साहा को अगर दुख भी हुआ था तो उन्हें चुप रहना चाहिए था. इस पूरे विवाद में द्रविड़ बड़े बनकर उभरे हैं