On this Day: अंतिम गेंद पर तय हुई हार-जीत, 144 साल के टेस्ट इतिहास में सिर्फ एक बार हुआ ऐसा
नई दिल्ली. टेस्ट क्रिकेट इस खेल का सबसे पुराना फॉर्मेट है. लेकिन वनडे, टी20 के आने के बाद से इसका रोमांच पहले के मुकाबले कम हुआ है. लेकिन आज से 73 साल पहले 1948 में एक टेस्ट ऐसा खेला गया था, जिसमें टी20 और वनडे से भी ज्यादा रोमांच था. ऐसा इसलिए, क्योंकि इस टेस्ट का नतीजा आखिरी गेंद पर आया था और टेस्ट के 144 साल के इतिहास में यह इकलौता मैच है, जिसमें जीत-हार का फैसला आखिरी बॉल पर हुआ. यह टेस्ट इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच 1948 में डरबन में खेला गया था और नतीजा आज ही के दिन यानी 20 दिसंबर (On this Day, 20 December) को आया था.
इस टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था. लेकिन मेजबान देश की पूरी टीम 161 रन पर ऑल आउट हो गई. इसके जवाब में इंग्लैंड ने लेन हटन और डेनिस कॉम्पटन के अर्धशतक की बदौलत 253 रन बनाए. यानी पहली पारी के आधार पर मेहमान टीम को 92 रन की बढ़त मिली. दूसरी पारी में भी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाए और पूरी पारी 219 रन पर सिमट गई.
इंग्लैंड को जीत के लिए 128 रन का लक्ष्य मिला. टारगेट तो मामूली था. लेकिन इसे हासिल करने में इंग्लैंड के पसीने छूट गए. 116 रन पर इंग्लैंड के 8 विकेट गिर चुके थे और इंग्लैंड को जीतने के लिए 12 रन और चाहिए थे. एलेक बेडसर और क्लिफ ग्लैडविन क्रीज पर थे. दोनों धीरे-धीरे जीत के लक्ष्य की तरफ बढ़े. मैच के आखिरी ओवर में इंग्लैंड को जीतने के लिए 8 गेंद पर 8 रन की दरकार थी और उसके 2 विकेट बाकी थे. तब 8 बॉल का ओवर होता था. दक्षिण अफ्रीका के लिए लिंडसे टकेट आखिरी ओवर फेंक रहे थे. बेडसर ने टकेट की छठी गेंद पर 1 रन लेकर स्कोर को बराबर कर दिया. इस मोड़ पर भी मैच ड्रॉ, टाई हो सकता था या दोनों में से कोई भी जीत सकती थी.
इंग्लैंड ने आखिरी गेंद पर जीता टेस्ट
ग्लैडविन ने टकेट की सातवीं गेंद पर शॉट खेलने की कोशिश की. लेकिन गेंद उनके बल्ले पर नहीं आई. इसके बाद बेडसर और ग्लैडविन के बीच लंबी बातचीत हुई. जिसे ‘विज्डन’ ने कुछ इस अंदाज में बयां किया था- “आखिरी गेंद फेंकी जानी थी, ग्लैडविन और बेडसर ने पिच पर लंबी बातचीत की. शायद दोनों ने एक-दूसरे से यही कहा होगा कि किसी भी सूरत में बस हमें रन लेने के लिए दौड़ जाना है. दूसरी ओर, टकेट गेंद फेंकने के लिए तैयार थे और फील्डर कुछ इस अंदाज में खड़े थे कि जैसे उन्हें अभी 100 मीटर की रेस दौड़नी है. टकेट ने गेंद फेंकी, ग्लैडविन ने पूरे जोर से बल्ला घुमाया. लेकिन गेंद उनकी जांघ पर जा लगी. बस, फिर क्या था दोनों बल्लेबाजों ने रन लेने के लिए दौड़ लगा दी. जब तक अफ्रीकी फील्डर गेंद पर लपकते, तब तक एक रन पूरा हो चुका था और इंग्लैंड का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका था.”