India-France Rafale Deal: भारत पहुंचे 3 और राफेल विमान, फ्रांस से 36 एयरक्राफ्ट की पूरी खेप मिली
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के 3 और राफेल लड़ाकू विमान 22 फरवरी की देर शाम फ्रांस से भारत पहुंच गए. इन विमानों ने फ्रांस के एक एयरबेस से उड़ान भरने के बाद सीधे भारत में लैंडिंग की. संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना ने इन विमानों की एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग (हवा में उड़ते समय ही ईंधन भरना) भरने में सहायता प्रदान की.
आखिरी राफेल विमान कुछ दिनों में भारत आ जाएगा
इन 3 राफेल लड़ाकू विमानों के आने के बाद भारत को अब 36 में से 35 राफेल फाइटर जेट मिल गए हैं, जिसके लिए मोदी सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस सरकार के साथ 59,000 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि 36वां विमान कुछ हफ्तों के बाद फ्रांस से भारत पहुंचेगा, जिसका हैंडओवर भारत को मिल चुका है. भारतीय वायु सेना (IAF) ने इनमें से 30 से अधिक विमानों को फ्रांस से टेक ऑफ करने के बाद रास्ते में बिना रुके सीधे भारत में लैंड कराया.
भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुए राफेल जेट सौदे में ऑफसेट क्लॉज भी अनुबंध का हिस्सा थे. फ्रांस की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी दॉसो एविएशन (Dassault Aviation) राफेल जेट का निर्माता है, जबकि यूरोपियन कंपनी एमबीडीए (Matra; BAe Dynamics and Alenia) विमान के लिए मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करती है.
भारत को मिले राफेल फाइटर जेट में क्या-क्या होगा?
भारतीय वायु सेना से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राफेल जेट को अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस किया गया है. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल (Meteor Missiles), लो बैंड फ्रीक्वेंसी जैमर, एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम, अधिक सक्षम रेडियो अल्टीमीटर, रडार वॉर्निंग रिसीवर, हाई एल्टीट्यूड इंजन स्टार्ट-अप, सिंथेटिक एपर्चर रडार, ग्राउंड मूविंग टारगेट इंडिकेटर एंड ट्रैकिंग, मिसाइल अप्रोच वॉर्निंग सिस्टम, हाई फ्रीक्वेंसी रेंज डिकॉय सिस्टम भारत को मिले राफेल जेट में असेंबल किए गए हैं.
क्या है भारत और फ्रांस राफेल फाइटेर जेट समझौता
पांच राफेल विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी. भारत और फ्रांस ने 2016 में 59,000 करोड़ के इंटर-गवर्नमेंटल समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत पेरिस, नई दिल्ली को 36 राफेल लड़ाकू जेट प्रदान करने पर सहमत हुआ था. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि एक बार भारत को सभी 36 जेट मिल जाने के बाद, शुरुआती लॉट में मिले 32 जेट वायु सेना को और अधिक ताकत देने के लिए भारत के मुताबिक संशोधन के लिए चरणबद्ध तरीके से फ्रांस के लिए उड़ान भरेंगे.
यहां उल्लेख करना जरूरी है कि राफेल डिलीवरी के बारे में लेटेस्ट अपडेट तब आई है जब भारत सरकार द्वारा कहा गया कि वायु सेना जनवरी 2022 से भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फ्रांसीसी मूल के लड़ाकू विमानों के अपने बेड़े को अपग्रेड करना शुरू कर देगी. नवंबर में भारत सरकार ने फिर से सूचित किया कि फ्रांसीसी विमानों का अपग्रेडेशन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर किया जाएगा जो देश में राफेज जेट का पहला बेस है. इन तीन विमानों से पहले फ्रांस से भारत आने वाला राफेल विमान RB-008 था, जिसका नाम पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (सेवानिवृत्त) के नाम पर रखा गया था.