‘आश्रम-3’ वेब सीरीज विवाद पर साधु-संतों ने कहा नहीं सहेंगे सनातन संस्कृति का अपमान, सड़कों पर उतरने की चेतावनी

भोपाल. राजधानी भोपाल में प्रकाश झा की वेब सीरीज ‘आश्रम-3’ की शूटिंग के दौरान उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते रविवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा उग्र विरोध जताने और जेल परिसर में चल रही शूटिंग के दौरान तोड़फोड़ करने जाने के बाद अब साधु-संतों ने भी इस मामले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राजधानी के मानस भवन में साधु-संतों ने इस वेब सीरीज पर रोक लगाने की मांग की और कहा कि इस मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं। उन्होंने वेब सीरीज के शीर्षक को लेकर भी आपत्ति जताई और इसके पिछले संस्करणो में से भी विवादित दृश्यों को हटाने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर साधु संतों ने चेतावनी दी है कि सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेंगे।
भोपाल अखिल भारतीय संत समिति के नेतृत्व में बड़ी संख्या में साधु मानस भवन में एकत्रित हुए। इसमें भोपाल के गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश दास भी शामिल हुए। संतों ने कहा कि वेब सीरीज के जरिए सनातन धर्म और संस्कृति को बदनाम करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। सीरीज बनाने वाले कोई धर्मात्मा नहीं है। आश्रम हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, जहां सनातन धर्म और संस्कृति की शिक्षा दी जाती है। संत समाज लोकहित के लिए पूर्जा अर्चना और आराधना करते हैं। आश्रमों में संत का जीवन हमेशा विश्व कल्याण के लिए होता है। संत अखिलानंद महाराज ने भी विरोध दर्ज कराया है।
संत समाज ने आरोप लगाया कि प्रकाश झा द्वारा निर्मित वेब सीरीज ‘आश्रम-3’ में सनातन धर्म के विरूद्ध दृश्यों को शामिल किया जा रहा है। इस सीरीज में आश्रम के महत्व को गलत ढंग से दिखाने की कोशिशें की गई हैं। अब भी वही किया जा रहा है। हिंदू धर्म को यह बताने की जरूरत नहीं है कि आश्रम क्या है और उसका क्या महत्व है। यह दुनिया जानती है। संत समाज ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ दशक पूर्व से यह देखा जा रहा है कि यहां के कुछ तथाकथित बालीवुड के लोग हमारी धार्मिक भावनाओं, भारतीय परंपराओं, हमारी संस्कृति पर कुठाराघात करने की दूष्टि से फिल्मों में गलत तरीके से साधु-संतों को और आश्रमों का स्वरूप दिखा रहे हैं। यह घोर निंदनीय है। ये लोग दूसरे धर्मों को लेकर कुछ नहीं दिखाते हैं, क्योंकि उन समाज व धर्मों से ऐसे लोगों को भय होता है। संत समाज ने ऐसा प्रयास करने वाले लोगों को असामाजिक कहा है। यह भी कहा है कि ऐसे असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। संत समाज ने यह भी चेतावनी दी है कि इस तरह की वेब सीरीज बनाने और उसका प्रसारण करने का चलन नहीं रोका गया तो संत समाज को सड़कों पर उतरना पड़ेगा। सरकारें यह तय करें कि इस तरह की फिल्में और वेब सीरीज भविष्य में न बनाईं जाएं।