राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रोजगार – मुख्यमंत्री श्री चौहान

जल्द होगी एक लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया 110 करोड़ लागत की गारमेंट इकाई का भूमि-पूजन
दस हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
कोरोना के बावजूद औद्योगिक इकाइयों की संख्या में 48% और रोजगार सृजन में 38 % की हुई वृद्धि
शासकीय के साथ निजी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ
बैरसिया के पातलपुर में कृषि आधारित उद्योग और बंदीखेड़ी में अन्य उद्योगों के लिए 200 एकड़ भूमि आरक्षित
टेक्सटाइल पार्क अचारपुरा तथा जल आपूर्ति परियोजना का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रोजगार है। राज्य सरकार कुछ ही दिनों में 1 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर रही है। राज्य सरकार द्वारा रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ उद्यमिता, स्व-रोजगार को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। निजी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में औद्योगिक विकास और औद्योगिक निवेश की गति को तेज किया गया है। पिछले 17 महीने में कोरोना महामारी के बावजूद 384 इकाइयों को 840 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इससे 11 हजार करोड़ पूंजी निवेश और 22 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश में कोरोना संकट की परिस्थितियों के बाजवूद औद्योगिक इकाइयों की संख्या में 48 प्रतिशत, भूमि आवंटन में 32 प्रतिशत, पूंजी निवेश में 33 प्रतिशत और रोजगार सृजन में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में गोकुलदास एक्सपोर्ट्स लिमिटेड की रेडीमेड गारमेंट्स इकाई के भूमि-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टेक्सटाईल पार्क अचारपुरा और विशेष शिक्षा क्षेत्र तथा औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में जल आपूर्ति परियोजना कार्य का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, विधायक बैरसिया श्री विष्णु खत्री, गोकुलदास एक्सपोर्टस के प्रबंध संचालक श्री शिवराम कृष्ण गणपति तथा अधिकारी उपस्थित थे।

स्थानीय व्यक्तियों को मिलेगा रोजगार : तीन चौथाई से अधिक महिलाएँ करेंगी कार्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गोकुलदास एक्सपोर्टस द्वारा प्रस्तावित यह इकाई 10 एकड़ भूमि पर बनेगी। कंपनी द्वारा 110 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश किया जाएगा, जिसमें 4 हजार से अधिक स्थानीय व्यक्तियों को रोज़गार उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही प्लांट में तीन चौथाई से अधिक महिलाएँ कार्य करेंगी। इस इकाई से ही लगभग 10 हजार लोगों को रोज़गार मिलेगा। अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र 146 हेक्टेयर भूमि पर विकसित है। टेक्सटाइल पार्क अचारपुरा में 154 भूखण्ड हैं, जिनमें उद्योग स्थापना पर 800 करोड़ पूंजी निवेश की संभावनाएँ हैं।

उद्योगों को मिलेगा पर्याप्त जल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों को जल प्रदाय के लिए 16 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से नर्मदा जल प्रदाय पाइप लाइन योजना का लोकार्पण हुआ है। इससे लगभग 300 इकाइयों को प्रतिदिन 3 MLD जल प्रदाय किया जा सकेगा। उद्योगों को पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

बैरिसया के बंदीखेड़ी और पातलपुर में भी लगेंगे उद्योग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अचारपुरा के साथ यहाँ से 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित बंदीखेड़ी ग्राम में उपलब्ध 200 एकड़ भूमि पर उद्योग विकसित किए जाएंगे। इसी प्रकार बैरसिया के निकट पातलपुर में उपलब्ध भूमि को कृषि आधारित उद्योगों के लिए चिन्हित किया गया है। हमारा उद्देश्य स्थानीय युवाओं, माताओं-बहनों को बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।

ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में प्रदेश ने लगाई लम्बी छलांग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में लम्बी छलांग लगाई है। प्रदेश अब देश में चौथे स्थान पर है। हमारा प्रयास है कि अगली रैंकिंग में मध्यप्रदेश का नाम टॉप तीन में हो। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए "स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज" जैसे कदम उठाए गए हैं। उद्योग स्थापना से संबंधित सभी गतिविधियाँ सिंगल विंडो से संचालित की जा रही हैं।

अधिक रोजगार की संभावनाओं वाले उद्योगों को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधिक से अधिक रोजगार की संभावनाएँ निर्मित करने के लिए प्रदेश में श्रम आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। फार्मा, ऑटो, टेक्सटाईल एण्ड गार्मेंटस, फूड-प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग प्रोडक्टस आदि सेक्टर के उद्योगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उद्यम की इच्छा और सरकार के सहयोग की शक्ति से होगा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में निवेश के लिए औद्योगिक इकाइयों को आमंत्रित करते हुए कहा कि आपके पास उद्यम की इच्छा है और सरकार के पास इस सपने को पूरा करने में सहयोग की शक्ति। आपकी इच्छा और सरकार की शक्ति से नयी इच्छा-शक्ति के साथ हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की रचना करेंगे। आपको हर संभव सहायता देने में प्रदेश सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। सिंगल विण्डो सिस्टम के माध्यम से उद्योगों के निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति के लिए सुगम GIS आधारित पोर्टल तैयार किया गया है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया को सरल और कम समय में करते हुए डीम्ड अप्रूवल के प्रावधान लागू किए गए हैं। बारह विभागों की 45 सेवाओं को प्रदेश के सिंगल विण्डो सिस्टम से इंटीग्रेट कर लिया गया है।

व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास जारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि व्यापार को सरल बनाने की दिशा में हम तेजी से कार्य कर रहे हैं। "एक जिला- एक उत्पाद" योजना में सभी जिलों के 64 विशिष्ट उत्पादों का चयन कर लिया गया है। "अटल प्रोग्रेस-वे" और "नर्मदा एक्सप्रेस-वे" के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा। ये दोनों कॉरिडोर, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण को नयी गति और नई दिशा देंगे।

प्रदेश में विकसित होंगे 13 क्लस्टर : ग्रामोद्योग उत्पादों की ब्रांडिंग का कार्य जारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के क्लस्टर आधारित विस्तार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश में फर्नीचर, खिलौना, टेक्सटाईल, फूड प्रोसेसिंग, एग्रीकल्चर, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, नमकीन, इंजीनियरिंग आदि विभिन्न क्षेत्रों में 13 क्लस्टर विकसित किए जायेंगे। ग्रामोद्योग उत्पादों की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग का कार्य निरंतर जारी है।

प्रदेश में विशाल लेंड बैंक उपलब्ध

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्योगों को देने के लिए एक विशाल लेंड बैंक उपलब्ध है, जिसमें औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 30 हजार एकड़ विकसित भूमि और 33 हजार 664 एकड़ अविकसित भूमि भी उपलब्ध है।

औद्योगिक निवेश औरविकास के लिए मध्यप्रदेश जैसा वातावरण कहीं नहीं

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने भी संबोधित किया। गोकुलदास एक्सपोर्ट के प्रबंध संचालक श्री शिवराम कृष्ण गणपति ने बताया कि उनके उत्पाद अमेरिका, ब्रिटेन, जापान सहित कई देशों में निर्यात किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग विस्तार की योजना के संदर्भ में कई राज्यों से बातचीत की, पर मध्यप्रदेश जैसा वातावरण कहीं नहीं मिला। मध्यप्रदेश में राज्य शासन द्वारा दिए गए सहयोग और विकसित हुए परस्पर विश्वास के आधार पर ही यहाँ निवेश किया जा रहा है। हमें यह भरोसा है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को विस्तार मिलेगा।