Twitter को भारी पड़ी नए नियमों पर आनाकानी! इंटरमीडियरी का दर्जा हुआ खत्म, पुलिस भी कर सकेगी पूछताछ
नई दिल्ली. भारत सरकार की तरफ से बार-बार चेतावनी देने के बाद भी इंटरनेट मीडिया के जारी नए नियमों का पालन करने को लेकर आनाकानी ट्विटर को भारी पड़ती दिख रही है. इस सोशल मीडिया कंपनी को मिला इंटरमीडियरी (मध्यस्थ) का दर्जा खत्म हो गया है. ऐसे में पुलिस अब कंपनी की भारतीय इकाई के मैनेजिंग डायरेक्टर सहित शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ कर सकेगी और इस प्लैटफॉर्म पर शेयर किए गए 'गैरकानूनी या भड़काऊ' कॉन्टेंट को लेकर कानून कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है. एक वायरल वीडियो शेयर करने वाले पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद इस बात की जानकारी सरकारी सूत्रों से मिली है.
दरअसल भारत सरकार फरवरी में इंटरनेट मीडिया के लिए नए नियम जारी किए गए थे, जिसके लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स को नए नियम का पालन करने के लिए 25 मई तक का समय दिया गया था. हालांकि ट्विटर की तरफ से इस पर हीला-हवाली ही दिखती रही. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने अभी तक 25 मई को लागू हुए नियमों के सभी प्रावधानों का पालन नहीं किया है. सूत्रों का कहना है कि सरकार ने पांच जून को आखिरी चेतावनी दी थी, लेकिन उसके बाद भी ट्विटर ने नियमों का पालन कर नहीं पाया तो स्पष्ट है कि कार्रवाई शुरू हो गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि इंटरमीडियरी दर्जा खत्म होने बाद ये प्लेटफार्म सामान्य मीडिया की श्रेणी में आ जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि अब ट्विटर के प्लैटफार्म पर चलने वाले किसी भी कंटेंट, वीडियो या किसी अन्य चीज को लेकर मुकदमा दर्ज होता है तो ट्विटर भी उसमें पार्टी बनेगा और भारतीय दंड संहिता के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
चीफ कम्पलायंस ऑफिसर की हुई नियुक्ती
जानकारी के लिए बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी हुए इंटरमीडियरी गाइडलाइंस के बाद ट्विटर ने मंगलवार देर रात अंतरिम चीफ कम्पलायंस ऑफिसर नियुक्त किया है. कंपनी ने कहा है कि जल्द ही आईटी मंत्रालय के साथ ब्यौरा शेयर किया जाएगा. ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि नई गाइडलाइंस का पालन करने की हर कोशिश जारी है. आईटी मंत्रालय को हर कदम पर प्रगति की जानकारी दी जा रही है.
वहीं, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने ट्विटर को समन भेजा है. ट्विटर के अधिकारियों को समन भेजकर 18 जून को कमेटी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. ट्विटर को नागरिक अधिकारों की सुरक्षा, सोशल मीडिया/ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत प्रयोग को रोकने और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर समन भेजा गया है.