100 करोड के जेवरात पहनेंगे राधाकृष्ण
ग्वालियर जन्माष्टमी पर ग्वालियर के सिंधिया राजवंश के प्राचीन मंदिर में भगवान राधाकृष्ण १०० करोड के जेवरातों से सजेंगे। इस दौरान मंदिर में भारी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। वेशकीमती जेवरातों से सजे भगवान राधाकृष्ण के दर्शन के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालु फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर पहुंचेंगे।
ग्वालियर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमायें सिंधिया राजवंश के समय की है और मंदिर का निर्माण भी सिंधिया राजवंश ने ही कराया था। इस मंदिर में आजादी में पूर्व सिंधिया राजवंश के सदस्य पूजा अर्चना करने को आते थे। अब यह मंदिर नगर निगम की संपत्ति में शामिल है। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री राधाकृष्ण को बैंक लॉकर से निकालकर जेवरातों से सजाने की परंपरा है। भगवान की प्रतिमाओं को हीरे जवाहरात से जडे स्वर्ण मुकुट , पन्ना की सात लडी का हार, २४९ शुद्ध मोतियों की माला, हीरे से जडे कंगन, हीरे और सोने की कंयूटी, विशालकाय छत्र, पचास किलो चांदी के बर्तन, से सजाया जाएगा। इसके साथ ही अन्य सजावट कर सोने चांदी व अन्य कीमती नगों से सजे भगवान को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
जन्माष्टमी के दिन 1 सितंबर को सुबह यह सभी जेवरात बैंक लॉकर से कडी सुरक्षा में निकाल कर लाये जायेंगे। इसके बाद महापौर विवेक शेजवलकर, आयुक्त नगर निगम विनोद शर्मा, अपर आयुक्त रिंकेश वैश्य की उपस्थिति में पूजा अर्चना के बाद यह जेवरात पहनाये जायेंगे। इस दौरान मंदिर परिसर में २०० से अधिक पुलिस जवान तैनात रहेंगे, वहीं मंदिर के आस पास सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे और प्रत्येक दर्शनार्थी को प्रवेश मैटल डिटेक्टर से जांच कर ही दिया जा सकेगा। देर रात्रि श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सभी जेवरात कडी सुरक्षा में बैंक लॉकर में फिर से रख दिये जायेंगे।
सिंधिया राजवंश के जेवरात वेशकीमती है। इसका बाजार भाव १०० करोड के आसपास है और पन्ना और जवाहरात की कीमत जौहरी आंक ही नहीं पाये है।
यह जेवरात सिंधिया राजवंश ने प्रतिमाओं को समय-समय पर विभिन्न मौकों पर मंदिर में दिये थे। निगम के तत्कालीन लेखाधिकारी दिनेश बाथम का मानना है कि इनकी कीमत बाजार भाव में आंकी गई कीमत से भी ज्यादा है। सभी जेवरात हीरे पन्ना व जवाहरात से युक्त हैं। विशेष बात यह है कि राजवंश के समय जौहरियों ने इसमें कारीगरी की अदभुत मिसाल प्रस्तुत की है।