चीन के लैब से निकला कोरोना? टॉप 18 वैज्ञानिकों ने कहा- थ्योरी से इनकार नहीं कर सकते हैं
दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत का जिम्मेदार कोरोना वायरस कहां से आया? इस बारे में सटीक तौर पर कोई नहीं जानता, लेकिन दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों के एक समूह ने कहा है कि वायरस के चीन के लैब से लीक होने की थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता, जब तक डाटा आधारित गहन जांच के आधार पर इसे खारिज नहीं किया जाता है. वर्ष 2019 के आखिर में चीन में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. उसके बाद से इस वायरस ने वैश्विक स्तर पर 30 लाख से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है. अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है और सात बिलियन इंसानों की जिंदगी पटरी से उतर गई है.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल माइक्रोबॉयलॉजिस्ट रवींद्र गुप्ता और फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में विषाणुओं के विकास पर अध्ययन करने वाले जेसी ब्लूम सहित 18 वैज्ञानिकों ने कहा है कि महामारी की उत्पत्ति को लेकर और ज्यादा रिसर्च की आवश्यकता है. वैज्ञानिकों के समूह में शामिल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में माइक्रोबॉयोलॉजी के प्रोफेसर डेविड रेलमैन ने साइंस जर्नल को लिखे पत्र में कहा है कि चीन के लैब से वायरस के लीक होने या पशुओं से वायरस के निकलने की थियरी को खारिज नहीं किया जा सकता.
वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति और फैलने के बारे में वुहान में की गई जांच में सभी पहलुओं का ध्यान नहीं रखा गया है, साथ ही लैब से वायरस के लीक होने की थियरी को जांच के लायक भी नहीं समझा गया. बता दें कि वुहान में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की जांच करने गई विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने चीनी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर लिखी गई अपनी फाइनल रिपोर्ट में कहा था कि वायरस संभावित तौर पर चमगादड़ से निकलकर किसी अन्य जानवर के जरिए मानवों में फैला है.