ग्वालियर की हरसी नहर में हादसा पानी पीने गए ठेकेदार का पैर फिसला; तैरना नहीं आने पर भी बचाने कूदे बड़े भाई, बहन, जीजा और भतीजा को लोगों ने बचाया, 1 की मौत
रविवार रात शहर से 75 किलोमीटर दूर बेलगढ़ा की हरसी नहर में एक परिवार के पांच लोग फंस गए। यह लोग नरवर से लोड़ी माता के दर्शन कर लौट रहे थे। पहले एक युवक का पैर फिसला और वह नहर में गिर गया। उसे बचाने भाई, बहन और जीजा भी नहर में कूद पड़े। भंवर में फंसे लोगों का शोर सुनकर गांव के लोग वहां पहुंचे। लोगों ने नहर में छलांग लगाकर चार लोगों को जिंदा बचा लिया है, लेकिन एक युवक की नहर में डूबकर मौत हो गई है। घटना रविवार रात 8 बजे हरसी नहर बेलगढ़ा भितरवार की है। नहर में बहे युवक का शव रात 10 बजे मिला है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
ग्वालियर के तानसेन नगर रेलवे कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय दिनेश उर्फ गब्बर पुत्र रतीराम कुशवाह पुट्टी भरने का ठेका लेता है। रविवार सुबह वह अपने परिवार बड़े भाई संतोष कुशवाह, बहन पूनम, जीजा जीतू कुशवाह व अन्य परिजन के साथ नरवर शिवपुरी लोड़ी मैया के दर्शन करने निकले थे। लौटते समय उन्हें रात हो गई। अभी वह भितरवार के बेलगढ़ा थानाक्षेत्र में पहुंचे थे कि तभी गब्बर ने कार रोक दी और वह नहर की तरफ पानी पीने चला गया। नहर में पानी का बहाव काफी तेज था। बड़े भाई संतोष ने उसे न जाने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना। अभी वह नहर के पास ही पहुंचा था कि अचानक उसका पैर फिसला और वह नहर में गिर गया। यह देख उसे बचाने के लिए पीछे से बड़े भाई संतोष ने भी छलांग लगा दी। दोनों भाई को कूदा देख बहन पूनम और जीजा जीतू भी कूद पड़े। भतीजा भी बचाने कूद गया। इनमें से कोई भी तैरना नहीं जानता था। सभी लोग डूबने लगे। पानी में डूब रहे लोगों का शोर सुनकर आस-पास के गांव वाले आ गए। उन्होंने मदद के लिए नहर में छलांग लगा दी। संतोष, जीतू, पूनम सहित चार लोगों को तो बचा लिया गया, लेकिन गब्बर को नहीं बचा सके। हादसे की खबर मिलते ही बेलगढ़ा थाना पुलिस भी आ गई थी। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू शुरू किया। रात 10 बजे गब्बर का शव नहर में करीब 500 मीटर दूर फंसा मिला है। उसकी डूबने से मौत हो गई है। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर डेड हाउस में रखवा दिया है।
मौत की खबर से रेलवे कॉलोनी में पसरा मातम
गब्बर का परिवार सुबह-सुबह गीत गाते हुए घर से लोड़ी माता मंदिर के दर्शन के लिए निकला था, लेकिन वह नहीं जानते थे कि यह जिस तरह खुशी-खुशी जा रहे हैं लौटकर नहीं आएंगे। रविवार रात को जब् पूरे परिवार के डूबने और एक की मौत की खबर रेलवे कॉलोनी में पहुंची तो वहां मातम पसर गया। क्योंकि गब्बर काफी मिलनसार था और हर किसी के बुरे समय में मदद के लिए तैयार रहता था।
हाथ छूटा तभी समझ गया अब नहीं मिलेगा भाई
घटना का चश्मदीद संतोष कुशवाह ने बताया कि गब्बर को बचाने वह पानी में कूदा था। उसने गब्बर का हाथ भी पकड़ लिया था, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि गब्बर का हाथ उसके हाथ से छूट गया। उसी समय उसे लगा कि अब भाई कभी नहीं मिलेगा। उसे कई बार कहा था नहर की तरफ मत जा, लेकिन वह नहीं माना।
पैर फिसलने से हुआ हादसा
पैर फिसलने के कारण गब्बर नहर में गिर पड़ा था। उसे बचाने के लिए चार लोग और नहर में कूद गए। किसी तरह चार लोगों को बचा लिया गया। पर गब्बर की डूबने से मौत हो गई।
राधेश्याम शर्मा, थाना प्रभारी बेलगढ़ा