आर्थिक बोझ डालने की तैयारी खजाना भरने के लिए जमीन की कीमतों में 128% तक वृद्धि का प्रस्ताव, औसत बढ़ोतरी 35% तक
उप मूल्यांकन समिति ने गुरुवार को आयोजित बैठक में जमीन के रेट में अप्रत्याशित वृद्धि प्रस्तावित कर दी। यदि जिला व केंद्रीय मूल्यांकन समिति भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो संपत्ति के खरीदरों पर भारी बोझ पड़ेगा। समिति ने पहले अधिकतम 15% तक वृद्धि के प्रस्ताव तैयार किए थे। 30 जनवरी को महानिरीक्षक पंजीयन की वीडियो कॉन्फ्रेंस में इन प्रस्तावों को रद्द कर नए सिरे से गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए गए थे। अब प्रस्तावित दरों में शहर के कई इलाकों में 100 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि शामिल कर दी गई है।
ऐसे समझें रिकॉर्ड वृद्धि को
मोहम्मद गौस के मकबरे के पास अभी आवासीय जमीन का रेट 5600 रुपए वर्ग मीटर है। अब इसे आस पास की व्यावसायिक जमीन के हिसाब से 12 हजार रुपए प्रस्तावित किया गया है। यह वृद्धि पुरानी दर की तुलना में 114 फीसदी अधिक है।
चेतकपुरी और एमएलबी हॉस्टल से अंडर ब्रिज तक रेट अभी आवासीय 18400 वर्ग मीटर है जबकि व्यावसायिक 27600 रुपए। चूंकि अभी यह क्षेत्र अलग-अलग वार्ड में आते हैं, इसी कारण इस व्यावसायिक क्षेत्र की कीमत अब 128 फीसदी बढ़ाकर 42 हजार रुपए वर्ग मीटर प्रस्तावित की गई है।
वृद्धि क्योंकि... आवासीय क्षेत्र की दरें भी व्यावसायिक के बराबर
मुख्यालय के निर्देश थे कि सघन व्यावसायिक इलाकों में अब आवासीय गतिविधियां खत्म हो चुकी हैं। इस कारण ऐसे इलाकों में आवासीय और व्यावसायिक रेट एक कर दिए जाएं। उप मूल्यांकन समिति ने 390 लोकेशन के रेट आवासीय से व्यावसायिक कर दिए हैं। इससे कीमत में बड़ा उछाल आएगा।
शहर के अंदर कई वार्ड ऐसे हैं जहां अब कृषि भूमि नहीं बची है। इसी कारण दौलतगंज, सिटी सेंटर, बाड़ा जैसे 410 क्षेत्रों में अब कृषि भूमि के कॉलम में रेट निल या जीरो लिखा जाएगा। इसका असर उन बड़े प्रोजेक्ट पर होगा तो कृषि भूमि का डायवर्सन कराने के बाद तैयार हो रहे हैं।
अंतिम निर्णय जिला समिति लेगी
अभी उप मूल्यांकन समिति के प्रस्ताव हमारे पास नहीं आए हैं। सारे प्रस्ताव का अध्ययन समिति के सदस्य करेंंगे। यदि किसी क्षेत्र में अप्रत्याशित वृद्धि प्रस्तावित की गई है तो वहां जांच कर उसे कम करने का अधिकार जिलास्तर की समिति को है।
-कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला मूल्यांकन समिति
वृद्धि का हर स्तर पर विरोध करूंगा
डीजल-पेट्रोल की कीमतों और बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं। जमीन की कीमतों में वृद्धि का हर स्तर पर विराेध करूंगा। लोगों को स्कूल की फीस भरने में दिक्कत आ रही है, ऐसे में अपना घर तो सपना ही रह जाएगा।
-प्रवीण पाठक, विधायक और जिला मूल्यांकन समिति के सदस्य