हवा में तैरते धूल के कणाें काे जमीन पर उतारेगी वाटर फाॅगर मशीन, स्ट्रीट स्वीपर मशीन हटाएगी सड़काें की धूल, निगम खरीदेगा 3-3 मशीनें
वायु प्रदूषण की अहम वजह धूल और उसके कणाें काे साफ करने के लिए अब मशीनरी का सहारा लिया जाएगा। नगर निगम तीन स्ट्रीट स्वीपर मशीन और इतनी ही वाटर फॉगर मशीन खरीदेगा। वाटर फाॅगर मशीन के जरिए नमी उत्पन्न कर हवा में उड़ने वाले धूल के कणाें काे जमीन पर उतारा जाएगा और इसके बाद स्ट्रीट स्वीपर मशीन से सड़काें से धूल हटाई जाएगी। वहीं प्रदूषण के स्तर की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दो स्थानों पर मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित करेगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने बजट में प्रदेश के चार शहरों, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और जबलपुर में धूल और धुएं को नियंत्रित करने के लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसमें ग्वालियर को 25. 5 करोड़ दिए गए हैं। इस राशि से इन उपकरणों की खरीद की जाएगी।
स्ट्रीट स्वीपर मशीन: इस मशीन से सड़क पर मौजूद धूल की सफाई की जाती है। वर्तमान में निगम के पास 3 मशीन हैं। यह मशीन धूल को अंदर खींच लेती है।
क्यों जरूरी है: सड़क पर मौजूद धूल के कारण ही ग्वालियर में पीएम-10 का स्तर निर्धारित मानक 100 माईक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा रहता है। नियमित साफ-सफाई से प्रदूषण का स्तर कम होगा।
कितनी राशि खर्च होगी: तीन मशीन खरीदने पर कुल 7.5 करोड़ खर्च होंगे।
वाटर फॉगर मशीन: इससे पानी का छिड़काव किया जाता है। इससे निकले पानी की सूक्ष्म बूंदों से वातावरण में नमी उत्पन्न होती है, जिसके कारण वातावरण में मौजूद धूल के कण नीचे आ जाते हैं।
क्यों जरूरी है: भीड़ वाले इलाकों में इस मशीन के उपयोग से लोगों को धूल और वाहनों से निकलने वाले धुएं से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी।
कितनी राशि खर्च होगी: तीन वाटर फॉगर खरीदने में कुल ढाई करोड़ खर्च होंगे।
पौधे और पेवर्स लगाने मिलेंगे 4 करोड़: शहर के प्रमुख मार्ग सहित अन्य स्थानों पर पेवर्स लगाए जाएंगे। कच्चे स्थानों पर पेवर्स लगाने से बारिश का पानी जमीन के अंदर जा सकेंगे, साथ ही धूल भी नहीं उड़ेगी। जहां पेवर्स नहीं लग सकते, वहां पौधे और घास लगाई जाएगी। ताकि धूल न उड़े।
मलबे से बनाए जाएंगे पेवर्स: भवन टूटने के बाद निकलने वाले मलबे का शत प्रतिशत निष्पादन किया जाएगा। 5 करोड़ खर्च कर कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन साइट बनाई जाएगी। शहर भर का मलबा यहां एकत्रित किया जाएगा। इस मलबे से पेवर्स बनाए जाएंगे। शेष सड़कों के भराव में काम आएगा।
दो स्टेशन लगेंगे: वायु प्रदूषण की रियल टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए शहर में दो नए स्टेशन स्थापित किया जाएगा। इसमें चार करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। अभीें शहर फूलबाग और जेयू परिसर में स्टेशन लगा हुआ है। हालांकि फूलबाग स्थित स्टेशन जनवरी से खराब है।
हमने नगर निगम के साथ मिलकर बनाया था प्रस्ताव
वायु प्रदूषण कम करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम ने मिलकर प्रस्ताव तैयार किया था। इस प्रस्ताव को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास भेजा गया था।। राशि मिलते ही प्लान पर काम शुरू करेंगे।
-एनपी सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड