8 पाठशालाओं में झुग्गियाें के 500 बच्चाें काे पढ़ाने के साथ आत्मनिर्भर बनने के गुर सिखा रहा 30 लोगों का समूह

झुग्गियाें में रहने वाले 500 बच्चाें काे पढ़ाने के साथ आत्मनिर्भर बनने के गुर सिखाए जा रहे हैं। सरकारी शिक्षक और दूसरे पेशे से जुड़े करीब 30 लाेगाें का समूह ये काम नि:शुल्क कर रहा है। इसके लिए आठ स्थानाें पर गरीबी पाठशालाएं संचालित की जा रही हैं।

बच्चों को लिफाफे, मिट़्टी के खिलौने, झाड़ू, चटाई और कपड़े के थैले बनाना सिखाया जा रहा है। समूह के सदस्यों का मानना है कि बच्चे रोजगार के साधन से जुड़े रहेंगे तो आर्थिक परेशानी नहीं होगी और पढ़ाई भी करते रहेंगे इसलिए उन्हें व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। ज्यादातर बच्चे आर्थिक परेशानी हाेने के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं।

कच्चा सामान भी बच्चों को उपलब्ध करा रहे

पाठशाला के संचालक शासकीय शिक्षक ब्रजेश शुक्ला ने बताया कि मजदूर और गरीब वर्ग के बच्चों के सेवार्थ ये पाठशालाएं शुरू की गईं हैं। इनमें समूह के सदस्य उन जगहों पर पहुंचते हैं जहां मजदूर झुग्गी बनाकर रहते हैं और उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। अभी साइंस कॉलेज के बाहर, विवेकानंद नीड्म, बेटी बचाओ चौराहा, सिकंदर कंपू, ट्रांसपाेर्ट नगर, सिथौली ईंट भट्‌टे के पास किशनबाग और बिरला नगर की झुग्गियों के बाहर यह पाठशालाएं चलाईं जा रही हैं।

इनमें 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें किशनबाग और साइंस कॉलेज पर 100 छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक शिक्षा देना शुरू कर दिया गया है। कच्चा सामान समूह के लोग रुपए इकट्‌ठा करके ला रहे हैं। स्टेशनरी जैसी वस्तुएं इन पाठशाला से जुड़े समाजसेवी द्वारा दे दी जाती हैं। पाठशालाओं का संयोजन सेवानिवृत्त शिक्षक ओपी दीक्षित द्वारा किया जा रहा है। इस काम में मनोज पांडे, कपिल झा, साहिल खान, कमल राठौर, कल्पना राठौर, अरविंद दीक्षित सहित 30 लोग योगदान दे रहे हैं।