500 लीटर सपरेटा दूध में 60 लीटर केमिकल का घोल मिलाकर बनाया 100 किलो पनीर
केमिकल के घोल से पनीर बनाने का एक नया मामला गुरुवार को गंगाविशन के बाड़े में सामने आया। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सपरेटा दूध, केमिकल का घोल और सिंथेटिक पनीर जब्त किया है। उधर, पोरसा पुलिस ने दूध कारोबारी संतोष जैन के मिल्क कलेक्शन का वाहन पकड़ा जिसमें मिलावटी दूध समेत फैट बढ़ाने का घोल जब्त किया। इस मामले में भी एफआईआर दर्ज कराई गई है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अवनीश गुप्ता व महेंद्र सिरोईया गुरुवार दोपहर 3.30 बजे कोतवाली पुलिस के साथ शहर के गंगाविशन का बाड़ा स्थित गोविंद कृपा डेयरी पर पहुंचे तो वहां मिलावटी पनीर बनाया जा रहा था। डेयरी संचालक साहिल जैन व उनका एक कर्मचारी, एक ड्रम में सपरेटा दूध, रिफाइंड ऑइल, वनस्पति घी व लिक्विड डिटरजेंट डालकर इलेक्ट्रिक रई से घोल तैयार कर रहे थे।
दूसरी तरफ लोहे के कड़ाहों में सपरेटा दूध को उबाला जा रहा था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने डेयरी मालिक साहिल जैन से पूछा तो वह बोला- पनीर बनाने के लिए घोल तैयार कर रहा हूं। टीम ने मौके से सपरेटा दूध समेत घोल व अन्य केमिकल के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल लैब भेजा है।
दो दूध कारोबारियों पर एफआईआर कराई
मुरैना में गंगाविशन के बाड़े में नकली पनीर बनाने के कारोबार की सूचना पर गुरुवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कोतवाली पुलिस के सहयोग से गोविंद कृपा डेयरी को चेक किया तो वहां डेयरी मालिक साहिल जैन व उनका एक कर्मचारी केमिकल का घोल बनाते पकड़े गए। इस मामलेे में आरोपी साहिल जैन के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पोरसा में भी दूध कारोबारी संतोष जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
-अवनीश गुप्ता, खाद्य सुरक्षा अधिकारी मुरैना
सपरेटा दूध, रिफाइंड ऑयल, वनस्पति घी और लिक्विड डिटरजेंट से बनाता था पनीर
गोविंद कृपा डेयरी के संचालक साहिल जैन ने पूछताछ के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को बताया कि 100 किलो पनीर बनाने के लिए वह 500 लीटर सपरेटा दूध में 60 लीटर केमिकल का घोल मिलाते हैं, इससे पनीर की फैट बढ़ जाती है।
20 हजार रुपए का बिजनेस करने के लिए खर्च 3 से 4 हजार रुपए आता है। साहिल का कहना था कि वह ड्रम में सपरेटा दूध, रिफाइंड ऑइल, वनस्पति घी व लिक्विड डिटरजेंट डालकर इलेक्ट्रिक रई से घोल तैयार कर रहा था जिसे उबालने के बाद उसे फाड़ा जाता है और उसके बाद फटे दूध को बांधकर पनीर बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। थोक रेट में पनीर 200 रुपए किलो बेचा जा रहा है। 100 किलो पनीर बनाने से उसे 20 हजार रुपए की आय होती है जबकि इस काम पर 3 से 4 हजार रुपए का खर्चा आता है।
डेयरी से ये सामान जब्त: गोविंद कृपा डेयरी से खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गुरुवार की अपराह्न 5 बजे रिफाइंड ऑइल के 8 खाली टिन, वनस्पति घी के 2 खाली कार्टून, 3 किलो लिक्विड डिटरजेंट व 3 लीटर हाइड्रोजन परॉक्साइड समेत 25 किलो बना मिलावटी पनीर जब्त किया है। आरोपी साहिल जैन के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
पोरसा में पुलिस की कार्रवाई: ई-रिक्शा से ले जाया जा रहा केमिकल से बना दूध पकड़ा
गुरुवार काे पोरसा कस्बे में पुलिस ने दूध कारोबार संतोष जैन पुत्र स्व. रामस्वरूप जैन निवासी वार्ड 7 गंगाराम गली का ई-रिक्शा पकड़ा जिसमें एक केन में 15 लीटर मिक्स मिल्क व दूसरी केन में 8 लीटर केमिकल का घोल भरा पाया गया।
ई-रिक्शा पर 4 केन खाली रखी थीं। ई-रिक्शा ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि दूध की केन संतोष जैन की हैं। पुलिस ने संतोष को पकड़कर पूछताछ की तो उसने खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल प्रताप परिहार के समक्ष बताया कि वह प्रतिदिन 150 लीटर दूध बनाकर उसे चिलर सेंटर पर बेचता है।
इसके लिए वह दूध का कलेक्शन करता है। दूध में फैट बढ़ाने के लिए वह केमिकल का घोल मिलाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल प्रताप परिहार व रेखा सोनी ने इस दूध को मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक मानते हुए थाना पोरसा में दूध कारोबारी संतोष जैन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया है। टीम ने दूध समेत घोल का सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भेजा गया है।
अंबाह-पोरसा में केमिकल का बड़ा कारोबार, गोदाम दूरदराज में शिफ्ट
मिलावटी दूध बनाने में इस्तेमाल किए जा रहे माल्टो डेक्सट्रिन पावडर, ग्लूकोस, रिफाइंड ऑइल, वनस्पति घी, लिक्विड डिटरजेंट, हाइड्रोजन परॉक्साइड, कास्टिक सोड़ा समेत मिल्क पावडर का बड़े पैमाने पर कारोबार चल रहा है। केमिकल बेचने वाले लोगों ने कार्रवाई से बचने के लिए गोदामों को दूर-दराज शिफ्ट कर दिया है। डेयरियों पर भी अब जरूरत के अनुपात में केमिकल लाया जा रहा है।