अब तक न तो चार्जशीट फाइल हुई और न ही परिजन के बयान, 40 दिन बाद मिली ट्रीटमेंट शीट

नकली प्लाज्मा से दतिया कारोबारी की मौत के मामले में पुलिस की जांच पहले ही दिन से ही सवालों के घेरे में हैं। घटना को 46 दिन हो गए हैं, लेकिन पुलिस अभी तक चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी है। साथ ही, परिजन को मामले में अभी तक बयान के लिए भी नहीं बुलाया गया है। हद तो तब हो गई, जब कारोबारी को अस्पताल में क्या इलाज मिला, इसकी ट्रीटमेंट शीट भी सीएमएचओ से 40 दिन बाद परिवार को मिली। उसके लिए भी परिवार को प्रदर्शन करना पड़ा। परिजन का आरोप है, पुलिस शुरू से ही मामले में एक पक्षीय कार्रवाई कर रही है, तभी पीड़ित परिवार सीबीआई की जांच की मांग पर अड़ा है। एसपी ग्वालियर अमित सांघी का कहना है कि जांच जारी है। निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है।

यह है घटना

दतिया के इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबारी मनोज अग्रवाल को कोरोना संक्रमित आने पर 3 दिसंबर को ग्वालियर के निजी अस्पताल अपोलो में भर्ती किया गया था। यहां अस्पताल प्रबंधन के कहने पर मरीज के परिवार ने ब्लड प्लाज्मा खरीदकर अस्पताल को दिया था। प्लाज्मा कहां से लेना था, यह भी प्रबंधन से उन्हें पता लगा। प्लाज्मा चढ़ने के बाद 10 दिसंबर को मनोज की हालत बिगड़ी और मौत हो गई। मामले में 11 दिसंबर को पोस्टमार्टम हुआ। यहीं परिजन ने नकली प्लाज्मा कांड का खुलासा किया। अस्पताल के कहने पर जिस अजय त्यागी से मनोज के परिवार ने प्लाज्मा खरीदा था, वह फ्रॉड निकला था।

उसने खुद को जेएएच का कर्मचारी बताकर जेएएच ब्लड बैंक से ही ब्लड प्लाज्मा लाने की बात कही थी, लेकिन बाद में रसीदें नकली निकली थीं। मामले में पुलिस ने 13 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की, लेकिन फरियादी परिजन को न बताते हुए पड़ाव थाना के एसआई बन गए। नकली प्लाज्मा रैकेट के मास्टरमाइंड अजय शंकर त्यागी पर रासुका लगाई गई। साथ ही, 5 लोगों को जेल भेज दिया, लेकिन अपोलो अस्पताल के प्रबंधन व डॉक्टर पर एक्शन नहीं लिया था।

40 दिन बाद मिली ट्रीटमेंट शीट

कारोबारी के साले अखिलेश गुप्ता का कहना है, मनोज अग्रवाल की मौत के बाद से अस्पताल व ग्वालियर के सीएमएचओ मनीष शर्मा से ट्रीटमेंट शीट मांगी जा रही है, लेकिन नहीं दी गई। घटना के 40 दिन बाद जब सीएमएचओ ऑफिस के बाहर बैठकर धरना और हंगामा किया, तो ट्रीटमेंट शीट पीड़ित परिवार को दी गई।

अभी तक बयान क्यों नहीं

अखिलेश गुप्ता के मुताबिक घटना को अब 46 दिन हो चुके हैं। इसके बाद भी पुलिस ने चार्जशीट पेश नहीं की है। साथ ही, अभी तक हमें बयान के लिए नहीं बुलाया गया है। अपोलो अस्पताल के प्रबंधन व डॉक्टरों से अभी तक पूछताछ नहीं की गई है, इसलिए मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।