स्टेशन पर नए कोच डिस्प्ले के साथ ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए जा रहे

ग्वालियर स्टेशन पर नए काेच डिस्प्ले बोर्ड के साथ ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। इससे प्लेटफार्म नंबर 4 पर सीधे पहुंचने वाले यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी लेने के लिए प्लेटफार्म-1 पर बने पूछताछ केंद्र में ट्रेनों की जानकारी लेने के लिए नहीं आना पड़ेगा। रेलवे ने नए कोच डिस्प्ले बोर्ड और ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया है। यह एक माह के अंदर चालू हो जाएंगे। इससे यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी लेने के लिए भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी।

तीन साल से ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड खराब हैं। इस कारण यात्रियों को ट्रेन की जानकारी लेने के लिए पूछताछ केंद्र तक जाना पड़ता है। अब सभी प्लेटफार्म में ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड लगाए जा रहे हैं, जिससे यात्रियों को प्रत्येक प्लेटफार्म में ट्रेन की आने और जाने की जानकारी मिल सके।

अभी पुराने बड़े साइज के ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड प्लेटफार्म पर टगे हैं। इनका कोई उपयोग नहीं है, लेकिन इन्हें हटाया नहीं गया है। वहीं कोच डिस्प्ले बोर्ड आधुनिक हैं, जो सीधे एनटीईएस से जुड़ेंगे। इससे काेच की पाेजीशन खुद-ब-खुद अपडेट हाे जाएगी। अभी पुराने पद्धति के काेच डिस्प्ले बाेर्ड लगे हैं।

इससे पूछताछ केंद्र में बैठे कर्मचारी को जानकारी लेकर कोच पोजीशन को अपडेट करना पड़ता है। कई बार कोच पोजीशन बदल जाती है, लेकिन यह कंप्यूटर में फीड नहीं होती। इससे ट्रेन के प्लेटफार्म पर आने के समय भगदड़ मचती है, लेकिन नई तकनीकी के कोच डिस्प्ले बोर्ड लगने से यात्रियों को बिना किसी परेशानी की सही जानकारी मिलेगी।

कोरोना काल में बनाए आइसोलेशन कोच, फिर से यात्री कोच में बदलेंगे

कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर उत्तर मध्य रेलवे ने अप्रैल 2020 में आइसोलेशन कोच तैयार किए थे। इन कोचों का उपयोग नहीं हो सका है। अब ये धूल खा रहे हैं। जैसे-जैसे ट्रेनों की संख्या बढ़ रही है, रेलवे को जनरल कोच को कमी पड़ रही है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने फिर से आइसोलेशन कोच काे यात्री कोच बनाने की तैयारी कर ली है। झांसी मंडल में 70 कोच को आइसोलेशन कोच में तब्दील किया था। अब इनमें से आधे से अधिक कोच को फिर से यात्री कोच बनाकर ट्रेन में जोड़ने की तैयारी कर ली है।