400 में से 125 नाम पुरानी सूची के, नतीजा- 172 लोगों को लग पाए टीके
कोरोना से बचाव के लिए शुरू किया गया टीकाकरण अभियान सूची बनाने और मैसेज देने में बरती जा रही उदासीनता के कारण गति नहीं पकड़ पा रहा है। टीका लगाने के लिए सूची में उन लोगों के नाम शामिल किए जा रहे हैं, जिनके नाम पहले भी शामिल किए गए थे, लेकिन वे टीका लगवाने के लिए पहुंचे ही नहीं थे।
यही कारण है कि बुधवार को भी कुल 400 हेल्थकेयर वर्कर में से 172 ही टीका लगवाने पहुंचे। गौरतलब है कि अस्पताल परिसर में और भी हेल्थ वर्कर हैं। इनमें से कई लोग वे हैं, जो कोरोना वार्ड में ही काम कर रहे हैं। संक्रमित भी हो चुके हैं। लेकिन उन्हें ड्यूटी पर होने के बाद भी टीका नहीं लगवाया जा रहा है। जिम्मेदारों का कहना है कि सूची में नाम आने के बाद ही उन्हें टीका लगेगा।
सोमवार को जो सूची आई थी, उसमें 40 उन लोगों के नाम शामिल थे जो शनिवार को टीका लगवाने नहीं आए थे। बुधवार को तो हद ही हो गई। जिले में 400 में से 125 लोगों के नाम सूची में शामिल थे , जिनके नाम शनिवार या सोमवार की सूची में थे।
सबसे अधिक ऐसे नाम जिला अस्पताल (67) थे, जिसमें से 14 नाम तो शनिवार की सूची वाले हेल्थकेयर वर्कर के हैं। जेएएच की सूची में 10 नाम पुरानी सूची वाले थे। डबरा व भितरवार की सूची में भी पहले की सूची के नाम अधिक रहे। सबसे अधिक 80 हेल्थकेयर वर्कर ने जेएएच में टीका लगवाया और सबसे कम 23 ने जिला अस्पताल में टीका लगवाया।
डरने की जरूरत नहीं, टीका अवश्य लगवाएं
जीआरएमसी पीडियाट्रिक के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़ ने पहले केआरएच में अपने वार्ड में राउंड लिया। इसके बाद टीकाकरण कराया। उनका कहना था कि टीका लगवाने से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। टीकाकरण अवश्यक कराएं।
पीडियाट्रिक के प्रोफेसर डॉ. घनश्यामदास का कहना है कि उन्होंने पीआईसीयू में सुबह गंभीर मरीज देखे इसके बाद टीकाकरण कराने आए। टीका लगवाने के बाद मुझे कोई परेशानी नहीं हुई।
पीडियाट्रिक के प्रोफेसर डॉ. आरडी दत्त का कहना है कि वह अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसलिए जैसे ही उनका नंबर आया टीका लगवाने आ गए। उन्हें टीका लगवाने से कोई परेशानी नहीं हुई।
खुद के साथ टीम को लगवाया टीका
जीआरएमसी के दंत रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र पहारिया भी टीका लगवाने को लेकर काफी उत्साहित थे। वे अपने साथ विभाग के सभी डॉक्टरों को भी टीका लगवाने लाए थे। उनका उत्साह देखकर अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने अपनी उपस्थिति में उन्हें टीका लगवाया।
टीका लगवाने के पहले हो रही थी घबराहट, पत्नी ने दी हिम्मत
रेडियोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित जैन और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोहर राठौर का जब टीका लगवाने का नंबर आया तो घबराहट के कारण उनकी पल्स रेट बढ़ गई। डॉ. जैन की पत्नी कविता जैन ने उन्हें हिम्मत बधाई जिसके बाद दोनों ने टीका लगवाया।
मैसेज ही नहीं आया, पूछने पर मालूम पड़ा लिस्ट में है नाम
न्यूरोसर्जरी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विवेक कनकने का कहना है कि उन्हें टीका लगवाना है। इसका मैसेज ही नहीं आया। सुबह उन्होंने फोन करके पूछा तो मालूम पड़ा कि लिस्ट में नाम है। जब वह टीका लगवा चुके थे तभी जेएएच में बने कंट्रोल रूम से भी फोन आ गया कि टीका लगवाना है।
कतार में खड़े रहे डॉक्टर
मानसिक आरोग्यशाला के संचालक डॉ. अशोक मिश्रा, डॉ. आरएनएस सेंगर, गायनिक की डॉ. नेहा बांदिल व मनीषा चौहान, डॉ. सुनील अग्रवाल, डॉ. अरविंद गुप्ता सहित कई डॉक्टर्स टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करने लाइन में लगे और टीका लगवाया।