सिटी बस को 75%, आई बस को 65% यात्रियों का इंतजार, बसों से निजी वाहनों पर शिफ्ट हुए 30% यात्री

कोरोना के 10 माह बाद भले ही सब कुछ सामान्य हो गया है। यहां तक कि कोरोना का टीका भी लगना शुरू हो गया है, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर अभी भी लोग पूरी तरह भरोसा नहीं कर रहे हैं। सिटी बसों से अभी भी 75 फीसदी यात्री दूर हैं। आई बसों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। अनलॉक के आठ महीने बाद भी आई बसों में 65 फीसदी यात्रियों की कमी है। सिटी बसों को फिलहाल 25 से 27 फीसदी तो आई बसों को 30 से 35 फीसदी यात्री ही मिल रहे हैं।

इंदौर से अन्य शहरों के लिए चल रही एआईसीटीएसएल की बसों को भी अभी 30 प्रतिशत यात्री ही मिल रहे हैं। सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी की मानें तो हमारी सभी तरह की बसों में चढ़ने वाले 30 प्रतिशत यात्री निजी वाहनों में शिफ्ट हो चुके हैं।

एआईसीटीएसएल के सीईओ संदीप सोनी का कहना है बीआरटीएस पर आई बस का खर्च पूरा हम उठाते हैं। सिटी बस में निजी ऑपरेटर हैं। अभी भी हम 45 आई बस प्रतिदिन चला रहे हैं। पहले हर माह 60 हजार यात्री तक सफर करते थे, अब 20 हजार यात्री हैं। हर महीने हमें 70 लाख तक का नुकसान हुआ है।

प्रति तीन से चार मिनट में हर स्टॉप पर पहुंच रही आई बस, सिटी बसें 350 थीं, फिलहाल 220 ही चल रहीं
1. आई बस : आई बस में जनवरी 2020 में 56 हजार 500 से ज्यादा यात्री सवार हुए थे, वहीं दिसंबर 2020 में यह आंकड़ा घटकर 19 हजार 800 पर आ गया। सितंबर में सबसे कम 7 हजार यात्री ही सवार हुए।
2. सिटी बस : सिटी बस में जनवरी 2020 में जहां 1.90 लाख यात्री सवार हुए थे, वहीं सितंबर में इसमें 15 हजार यात्री थे, जो अब बढ़कर 53 हजार पर पहुंचे हैं।
3. स्काय बस : जनवरी 2020 में 122 बसों मेें 10 हजार यात्री सवार हुए थे। सितंबर में 42 बसों में यात्री
संख्या 2500 रह गई। दिसंबर में यह आंकड़ा 111 बसों से सात हजार यात्रियों पर पहुंचा।

ट्रेंड यह भी... पुरानी कारें ज्यादा नहीं बेची, नई की खरीदी भी बढ़ी

जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 तक 13449 कारें बिकीं। 2019 (जुलाई से दिसंबर) में यह आंकड़ा 10800 था। जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 में 14 प्रतिशत कारें एक्सचेंज हुईं, जबकि 2019 में 30 प्रतिशत कारें एक्सचेंज हुई थीं। इससे साफ है कि लोग अब पुरानी कारें भी बेचना नहीं चाह रहे।

उम्मीद यही... स्कूल-कॉलेज पूरी क्षमता से खुलेंगे तो बढ़ेंगे यात्री

एआईसीटीएसएल प्रवक्ता के मुताबिक सिटी बसों और आई बसों में यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है लेकिन हमारे सबसे ज्यादा यात्री स्कूल, कॉलेज और कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थी हैं। अब कॉलेज खुले हैं तो उम्मीद है कि अगले एक महीने में यात्री संख्या बढ़ेगी।