शहर में 5 हजार बिजली मीटर खराब, लेकिन 50 हजार लोगों को दे रहे आकलित खपत के बिल

शहर में बिजली कंपनी 50 हजार उपभाेक्ताओं काे आकलित खपत के आधार पर बिल जारी कर रही है। जबकि शहर में महज 5 हजार घराें और प्रतिष्ठानाें पर लगे बिजली मीटर खराब हैं। नियम के मुताबिक, बिजली कंपनी उन उपभाेक्ताओं काे आकलित खपत बताकर बिल दे सकती है जिनके मीटर खराब हैं।

इससे साफ है कि शहर में करीब 45 हजार लाेग ऐसे हैं जाे बिजली कंपनी की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे हैं। ये स्थिति तब है जब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कई दफा इस बात को साफ कर चुके हैं कि उपभोक्ताओं को आकलित खपत के आधार पर बिल न दिए जाएं।

इसके बाद भी कंपनी लगातार आकलित खपत के बिल दे रही है। इसकी बड़ी वजह- बिजली कंपनी काे हाेने वाला राजस्व घाटा है। इसकी भरपाई के लिए अफसर वास्तविक खपत से ज्यादा यूनिट के बिल दे रहे हैं।

गौरतलब है कि बिजली कंपनी के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले साल तक ग्वालियर सिटी सर्किल में करीब 15 हजार उपभोक्ताओं के मीटर खराब थे, जिन्हें सुधारकर नए लगाए गए थे। अब सिटी सर्किल में सिर्फ 5 हजार उपभोक्ताओं के मीटर बदलना बाकी हैं।

इस बारे में उप महाप्रबंधक पीके हजेला के मुताबिक, जिनके बिजली मीटर खराब नहीं हैं यदि उन्हें आकलित खपत के बिल मिल रहे हैं ताे ऐसा तभी हाेता है, जब संबंधित उपभाेक्ता काे हमारे लाइन स्टाफ ने बिजली चोरी करते हुए पाया होगा या मीटर के साथ छेड़छाड़ की जाना साबित हुई होगी।