जिसे आबकारी मंत्री ने माना दोषी, उसे आयुक्त ने जांच समिति में दे दी जिम्मेदारी
मुरैना के जहरीली शराब कांड के मामले में जिम्मेदार सरकार और अधिकारी अलग-थलग दिख रहे हैं। इस मामले में आबकारी संभागीय उड़नदस्ता के उपायुक्त शैलेष सिंह को दोषी मानते हुए जहां प्रदेश के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने 13 जनवरी को फेसबुक पर पोस्ट कर कहा- मुरैना मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
सब इंस्पेक्टर दिनेश निगम को निलंबित किया जा रहा है। ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शैलेष सिंह को भी हटाए जाने के आदेश जारी हो रहे हैं। वहीं संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने 12 जनवरी को इस मामले में 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई और उसमें शैलेष सिंह को शामिल रखा। जिन्हें मंत्री के बयान के बाद भी जांच समिति से बाहर नहीं किया गया।
दूसरी तरफ मंत्री द्वारा फेसबुक पर शैलेष सिंह के संबंध में लिखे जाने के 24 घंटे बाद भी उन्हें हटाए जाने के कोई आदेश जारी नहीं हुए। जबकि गुरुवार शाम दिनेश निगम को आबकारी आयुक्त ने निलंबित करते हुए श्योपुर अटैच कर दिया।
सूत्रों के अनुसार मंत्री जगदीश देवड़ा के पास शैलेष सिंह की कई शिकायतें पहुंची हैं। जिनमें प्रमुख रूप से ये है कि उड़नदस्ता उपायुक्त होते हुए उन्होंने कार्यक्षेत्र में जहरीली-नकली शराब पकड़े जाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान आबकारी वेयर हाउस से 20 लाख रुपए की शराब चोरी होने समेत दूसरे मामले भी मंत्री तक पहुंचे हैं।