4 माह लॉकडाउन में सड़कें सूनी रहीं, फिर भी 2020 में सड़क हादसों में 316 लोगों की मौत
शहर की सीमा में वर्ष 2020 में 1799 सड़क हादसों में 316 लोगों की मौत हो गई और 95 गंभीर रूप से घायल हुए। यह स्थिति तब है जब लॉकडाउन के कारण 4 महीने तक सड़कों पर वाहनों का आवागमन कम हुआ। लॉकडाउन खुलने के बाद साल के अंतिम चार माह में सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें हुईं। हादसों की संख्या बीते तीन वर्षों से 15 फीसदी कम है लेकिन मृतकों की संख्या ज्यादा।
2020 के दिसंबर में सड़क हादसों में 49 मौतें हुई है। इनमें से 79 फीसदी हादसे तेज रफ्तार के कारण हुए। तेज रफ्तार के साथ ही शराब पीकर वाहन चलाना भी हादसों का प्रमुख कारण हैै। इतने हादसों के बाद भी इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में मनाया जाने वाला सड़क सुरक्षा सप्ताह भी स्थगित कर दिया गया। ट्रैफिक को लेकर न तो कोई जागरूकता कार्यक्रम हुए और न ही विशेष चेकिंग अभियान चलाए गए।
नए साल के 9-10 वें दिन 17 घंटों में 5 सड़क हादसों में 8 लोगों की मौत हुई। इन सभी हादसों का कारण ओवर स्पीड थी। साल के अंत में जौरासी घाटी व गोला का मंदिर क्षेत्र में हुए हादसों में 4 व 2 लोगों की मौत हुई थी, उन हादसों का कारण भी ओवर स्पीड था। विश्वविद्यालय पुल पर दो बाइकों की भिड़ंत भी ओवर स्पीड में हुई, जिसमें छात्रा की मौत हुई।
स्पीड ब्रेकर कम हुए, कैमरों का उपयोग नहीं
स्पीड नियंत्रण के लिए सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकरों की संख्या कम हुई है, इसलिए वाहनों की स्पीड ओवर हुई है। स्पीड नियंत्रण के लिए जो कैमरे दिए गए थे, उनका भी ठीक से इस्तेमाल नहीं किया गया।
कोरोना आपदा से नहीं हुए जागरुकता कार्यक्रम
ट्रैफिक जागरूकता के लिए ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग द्वारा वाहनों पर रिफलेक्टर लगाए जाने व ब्लैक स्पॉट को चिह्नित कर सुधार की प्रक्रिया की जाती है। रिफलेक्टर लगाए जाने व ब्लैक स्पॉट पर स्पीड कंट्रोल के लिए मापदंड के अनुसार स्पीड ब्रेकर बनाए जा सकते थे, लेकिन पूरा सरकारी अमला कोरोना के बहाने यह नहीं कर सका।
अप्रैल से अगस्त तक 5 माह में हुईं 86 मौतें
पिछले साल 23 मार्च से लॉकडाउन की प्रक्रिया शुरू हुई थी और फिर अगस्त में स्थिति सामान्य होना शुरू हुई। अप्रैल में 29 सड़क हादसों में 5 लोगों की मौत हुई और मई में 80 हादसों में 17 मौतें, जून में 125 हादसों में 16 मौतें हुई और जुलाई व अगस्त में 24-24 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई।
शुरू के 3 माह में 69 मौतें, अंतिम 4 माह में 161 मौतें सड़क हादसों में हुईं
2020 के शुरू के तीन माह जनवरी से मार्च तक सड़क हादसों में 69 मौतें हुई, जबकि साल के अंतिम चार माह सितंबर से दिसंबर कर सड़क हादसों में 161 लोगों की मौत ग्वालियर जिले की सीमा में दर्ज हुई।
स्पीड कंट्रोल के उपायों पर चर्चा करेंगे
सड़क सुरक्षा सप्ताह के अलावा सड़कों हादसों के लिए चिन्हित स्थानों पर संकेतक लगाने व सड़क पर लाइनिंग के साथ ही अन्य उपाय करने के लिए संबंधित सड़क एजेंसी एनएचआई व पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखे जाते हैं। शहर में प्रतिबंधित अवधि में भारी वाहनोें के प्रवेश को रोका जा रहा है। ट्रैफिक पाॅइंट को भी तैनात किया गया है। एनएचआई के अफसरों से इस संबंध में बैठक कर वाहनों की स्पीड कंट्रोल के उपायों के संबंध में चर्चा की जाएगी।
-अमित सांघी, पुलिस अधीक्षक
गोल पहाड़िया पर कम हुए हादसे
गोल पहाड़िया पर सबसे अधिक सड़क हादसे होते थे। यहां भीड़ भरे क्षेत्र में भारी वाहनों के घुसने के कारण हादसे हो रहे थे। इस क्षेत्र में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित अवधि में कड़ाई से रोका गया है। इस कारण यहां हादसों की संख्या काफी कम हुई है।
-नरेश अन्नोटिया, डीएसपी ट्रैफिक