बीएससी नर्सिंग मामला-जीवाजी विश्वविद्यालय दो कर्मचारी निलंबित, परीक्षा नियंत्रक और एआर को हटाया
ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग फर्जीवाड़े में दो कर्मचारी ओर निलंबित कर दिये गये है। जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों के मुताबिक कम्प्यूटर टेक्नीशियन एचके द्विवेदी और मेडीकल शाखा में पदस्थ कार्यालय सहायक वंदना अहिरवार को निलंबित किया गया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. मुकुल तेलंग को भी पद से हटाकर उन्हें मूल विभाग फॉर्मेसी संस्थान भेजकर कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
असिस्टेंट रजिस्ट्रªर अमित सिसौदिया को गोपनीय विभाग से हटाकर प्रशासन विभाग में भेजा गया है। उनके स्थान पर गोपनीय विभाग में एआर साधना शर्मा को तैनात किया गया है। नर्सिंग काण्ड की जांच रिपोर्ट जेयू की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने राजभवन भेजन के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग को भेजी है। ऐसा कहा जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उच्चशिक्षा विभाग एआर के खिलाफ आगे की कार्यवाही की जा सकती है।
फैल छात्रों के नम्बर बढ़ाकर किये पास
जीवाजी विश्वविद्यालय ने बीएससी नर्सिंग फायनल ईयर में इस वर्ष बड़ी संख्या में छात्र फेल हुए थे और छात्र-छात्राओं ने री-ओपनिंग और रीटोटलिंग के लिये आवेदन दिया था। इसमें जब छात्र पास नहीं हुए तो ऐसे छात्रों ने जेयू के कर्मचारियों और अधिकारियों से सीधे संपर्क कर मोटी रकम दी और चार्ट में हेराफेरी कर फेल छात्रों को पास कर दिया गया और उन्हें अंकसूची जारी कर दी गयी है। इस बात का खुलासा होने पर जीवाजी विश्वविद्यालय ने नवम्बर में जांच कमेटी बनाई और इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को 2 कर्मचारी और निलंबित कर दिये गये।
दबाव में आकर जेयू ने की कार्रवाई
बीएससी नर्सिंग फर्जीवाड़े में ईसी मेंबर अनूप अग्रवाल और मनेंद्र सिंह साेलंकी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। जेयू प्रशासन पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का लगातार दबाव बढ़ रहा था। सोमवार को कुलपति के निर्देश पर दो कर्मचारियों काे सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि अभी तक अफसरों पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। जिसको लेकर कार्यपरिषद सदस्य सवाल खड़े कर रहे हैं। इससे पहले गोपनीय विभाग के अधीक्षक विनोद जाटव, कर्मचारी सूरज भटेजा और जरदान सिंह को सस्पेंड किया जा चुका है। अब तक कुल 5 कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं।