वैक्सीन के लिए 69 महिला-पुरुषों ने दिखाया जज्बा; सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 3 घंटे किया गया ड्रिल
साेशल डिस्टेंसिंग की ये तस्वीर सुकून भरी है, क्याेंकि गाेलाें के भीतर खड़े ये लाेग बीमार नहीं हैं और न ही ये काेराेना का सैंपल देने आए हैं बल्कि ये वैक्सीनेशन की उस प्रक्रिया का हिस्सा बने, जाे कोरोना महामारी काे खत्म करने के लिए अहम है।
दरअसल, शुुक्रवार काे जिले में तीन स्थानाें जेएएच के टीबी अस्पताल, आरजेएन अपाेलाे स्पैक्ट्रा हाॅस्पिटल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भितरवार में काेविड-19 की वैक्सीन लगाने का ड्राय रन किया गया। इसके लिए चिह्नित कुल 74 में से 69 स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवाने पहुंचे। ड्राय रन में 14 महिलाएं और 55 पुरुष शरीक हुए। कुछ स्वास्थ्यकर्मी टीके के नाम से ही घबराए हुए थे, लेकिन ड्रिल करने वाली नर्स ने उन्हें समझाया और बताया कि अभी आपकाे असली टीका नहीं लगा रहे हैं बल्कि सिर्फ मॉकड्रिल कर रहे हैं। हम सिरिंज से कैप तक नहीं हटाएंगे। इस दाैरान पांच खामियां भी सामने आईं। जिन्हें आगामी दिनों में दूर कर दिया जाएगा।
जेएएच: सुनील ने लगवाया पहला टीका
जेएएच के टीबी अस्पताल में सबसे पहले टीका लगवाने वाले यूडीएस कंपनी के कर्मचारी सुनील कुरैसिया ने कहा, सुबह 9.30 बजे डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन कराने के बाद मैं 9:31 बजे वैक्सीन लगवाने नर्स के सामने पहुंचा। वहां मुझे लगा कि टीका लगेगा ताे दर्द हाेगा लेकिन नर्स ने कहा, हम सिर्फ ट्रायल कर रहे हैं। सुई नहीं लगाएंगे। आखिर में स्वेटर उतरवाने के बाद नर्स ने टीका लगाया। यहां सुबह 10 बजे तक 6 लोगों को टीके लगे।
आरजेएन अपोलो: सात महिलाएं पहुंचीं
सुबह 9.03 बजे ड्राय रन शुरू हुआ। पहला टीका पैरामेडिकल स्टाफ योगेश शर्मा ने लगवाया। यहां 25 लोगों पर ड्रिल होनी थी, जिसमें से 12:05 बजे तक एक को छोड़कर बाकी सभी स्वाथ्यकर्मी टीका लगवाने के लिए सामने आए। वैक्सीनेशन के लिए आने वाले लोग कपड़े अधिक पहने थे इसलिए 4-5 मिनट से ज्यादा देर हुई तो उन्हें वैक्सीन नहीं लगाई गई। यहां 7 महिलाओं और 17 पुरुषों ने टीका लगवाया।
यह खामियां आईं सामने
वैक्सीनेशन की जानकारी वैक्सीन सेंटर पर पोर्टल पर दर्ज करने के बारे में वहां माैजूद स्टाफ काे ट्रेंड नहीं किया गया था। कुछ को ताे पाेर्टल चलाना ही नहीं आता था।
कुछ लाभार्थी आधार कार्ड लेकर नहीं आए थे। पहले उनसे मना कर दिया गया, बाद में उन्हें ड्रिल में टीका के लिए शाामिल किया गया।
वैक्सीन सेंटर पर जैविक कचरा डालने के लिए चार रंग की डस्टबिन रखनी थी, लेकिन नीले रंग डस्टबिन ही नहीं रखी गई थी।
वैक्सीनेशन में ज्यादा समय लगा, क्याेंकि लाभार्थी स्वेटर, जैकेट पहने हुए थे। इनके कपड़े रजिस्ट्रेशन के वक्त ही उतरवाए जाने थे।
ड्रिल में टीका लगवाने पहुंचे लाेगाें का ब्लडप्रेशर ही नहीं लिया गया, जबकि इसकी व्यवस्था थी।
सीएससी भितरवार: बीएमओ आगे आए
भितरवार में बीएमओ सहित 30 लोगों के नाम ड्राय रन के लिए चिह्नित किए गए थे। यहां आधा घंटे देरी से वैक्सीन लगाने का काम शुरू हुआ। सबसे पहले बीएमओ डॉ. यशवंत शर्मा ने टीका लगवाया। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो वहां 25 लोगों को टीका लगाया गया। इसमें 6 महिलाएं हैं। हालांकि शाम को मीडिया प्रभारी आईपी निवारिया ने टीका लगवाने वालों की संख्या 29 बताई।