ग्वालियर-चंबल में औसत वार्षिक तापमान 0.37 डिग्री बढ़ा, जबकि देश में सिर्फ 0.29 डिग्री
120 साल में 8वीं बार ऐसा हुआ जब कोई साल (2020) सबसे अधिक गर्म रहा। देश का औसत वार्षिक तापमान जहां सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। वहीं ग्वालियर-चंबल संभाग का औसत वार्षिक तापमान 0.37 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ चुका है। यह निष्कर्ष मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया है।
मौसम विभाग ने 1901 से मौसम के आंकड़ाें का रिकॉर्ड एकत्र करना शुरू किया था, तब से अभी तक 8 साल सबसे गर्म रहे। इनमेें 2020 आठवां है। अध्ययन से पता चला है कि वर्ष 1901 से 2020 तक अधिकतम औसत तापमान 0.99 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। जबकि न्यूनतम तापमान केवल 0.24 डिग्री सेल्सियस ही बढ़ा है।
किस सीजन में कितना बढ़ा औसत तापमान
सीजन देश ग्वालियर-चंबल
मानसून 0.43 ज्यादा 0.51 ज्यादा पोस्ट मानसून 0.53 ज्यादा 0.57 ज्यादा सर्दी 0.14 ज्यादा 0.21 ज्यादा गर्मी 0.3 कम रहा 0.19 कम रहा
नाेट- तापमान डिग्री सेल्सियस में है जो औसत से सामान्य से ज्यादा है।
लॉकडाउन में सामान्य से कम रहा तापमान
मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक ग्वालियर-चंबल संभाग का औसत वार्षिक तापमान वर्ष 2020 में सबसे ज्यादा बढ़ा है। हालांकि लॉकडाउन पीरियड में औसत तापमान देश और ग्वालियर-चंबल संभाग का कम रहा। इसका कारण प्रदूषण का स्तर कम होना है।
कहां-कितनी फीसदी बारिश
देश का औसत बारिश का कोटा 880 मिमी है। इस साल 960 मिमी बारिश हुई। यह सामान्य से 9% ज्यादा है।
मप्र का औसत बारिश का कोटा 941 मिमी है। वर्ष 2020 में 991 मिमी बारिश हुई। यह औसत से 5% ज्यादा है।
ग्वालियर-चंबल संभाग का औसत बारिश का कोटा 764 मिमी है। जबकि वर्ष 2020 में बारिश 633 मिमी हुई है। यानी सामान्य से 17% बारिश कम हुई है।
ग्वालियर जिले में औसत बारिश का कोटा 748 मिमी है। जबकि वर्ष 2020 में 519 मिमी हुई है। यह 31% कम है।
एक्सपर्ट: हरियाली घटने और प्रदूषण बढ़ने से बढ़ा तापमान
देश की तुलना में ग्वालियर-चंबल संभाग का औसत वार्षिक तापमान ज्यादा बढ़ा है। औसत बारिश भी कम हुई है। सीजन वाइज भी ग्वालियर-चंबल संभाग का औसत तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ा है। इसका कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ना है, हरियाली का क्षेत्र घटा है।
इसी के चलते वर्ष 2020 में अधिकतम औसत तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज हुआ है। 2020 में मप्र में बिजली गिरने से 72 लोगों ने जान गई। जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग में 13 लोगों की जान गई।
-वेद प्रकाश सिंह, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक