मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में थे डॉक्टर, बाथरूम बंद कर खुद की गर्दन काटी, मौके पर मिला सर्जरी ब्लेड
नेताजी सुभाष चंद बोस मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में पदस्थ डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। गुरुवार दोपहर एक बजे उनका शव घर के बाथरूम में मिला। बाथरूम अंदर से बंद था। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव निकाला। पूरे बाथरूम में खून फैला था। पास में ही सर्जरी ब्लेड पड़ी थी। गर्दन कटी थी और खून का रिसाव हो रहा था। वारदात के समय डॉक्टर और उनके दोनों छोटे बच्चे ही घर में थे। पत्नी विक्टोरिया और जेल की डॉक्टर हैं और सुबह ही ड्यूटी निकल गई थी। संजीवनी नगर पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण जांच में लिया है।
12 बजे बाथरूम में गए थे नहाने
जानकारी के अनुसार धनवंतरी नगर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एलआईजी-1/85 निवासी डॉक्टर विनोद कुमार विश्वकर्मा (45) मेडिकल कॉलेज की सर्जरी विभाग में पदस्थ थे। पत्नी डॉक्टर ममता विश्वकर्मा विक्टोरिया जिला अस्पताल और जेल में कार्यरत हैं। वह सुबह ही ड्यूटी पर चली गई थीं। जबकि पति डॉक्टर विनोद विश्वकर्मा और दोनों बेटे 13 वर्षीय स्पर्श विश्वकर्मा और अनुभव विश्वकर्मा (10) घर पर थे। 12 बजे के लगभग डॉक्टर विनोद विश्वकर्मा ने बच्चों को ड्राइंग रूम में बिठाया और खुद बाथरूम में नहाने की बात कह चले गए।
एक बजे पत्नी लौटी तब हुआ खुलासा
दोपहर एक बजे के लगभग पत्नी डॉक्टर ममता विश्वकर्मा घर लौटी। बच्चे ड्राइंग रूम में टीवी देख रहे थे। पापा के बारे में बताया कि वे काफी देर से बाथरूम में नहाने गए हैं। कुछ देर इंतजार करने के बाद ममता ने पति को आवाज दी। जवाब नहीं मिला तो बाथरूम तक गईं। बाथरूम का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद पीछे की खिड़की से झांक कर अंदर देखा तो चीख पड़ीं। पूरे बाथरूम में खून फैला हुआ था।
दरवाजा तोड़कर पुलिस पहुंची
डॉक्टर ममता ने परिचितों और पुलिस को खबर दी। दो बजे के लगभग संजीवनी नगर पुलिस और धनवंतरी नगर चौकी की पुलिस पहुंची। दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर डॉक्टर विनोद विश्वकर्मा मृत हालत में पड़े थे। पास में सर्जिकल ब्लेड पड़ा था। उनकी गर्दन की मुख्य नस कटी हुई थी। एफएसएल और फिंगर प्रिंट टीम की मौजूदगी में शव का पंचनामा कर पीएम के लिए भिजवाया गया।
आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं
संजीवनी नगर टीआई भूमेश्वरी चौहान के मुताबिक डॉक्टर विनोद विश्वकर्मा के घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पत्नी व बच्चों के बयान अभी नहीं हो पाए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि डॉक्टर विनोद विश्वकर्मा पेट संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसी से परेशान होकर उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया होगा।