जेएएच में कोबाल्ट थैरेपी देने वाली मशीन खराब, मरीज निजी अस्पतालों को दे रहे रोज 5000 रुपए

जेएएच में करीब ढाई माह से कोबाल्ट थैरेपी सुविधा बंद है। यहां प्रतिदिन 40 से 50 लोगों की कोबाल्ट थैरेपी होती थी। इनमें से आधे मरीज ऐसे हैं जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। ऐसे मरीज को कोबाल्ट थैरेपी के सिर्फ 950 रुपए देना पड़ते थे। आयुष्मान कार्डधारकों के लिए यह थैरेपी सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पताल में भी फ्री होती है, लेकिन जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, वह प्राइवेट अस्पताल में सवा लाख से डेढ़ लाख रुपए तक खर्च कर रहे हैं।

प्राइवेट में सिकाई के इतने अधिक पैसे लगने के कारण कई कैंसर मरीज बना सिकाई के इस इंतजार में बैठे हैं कि कोबाल्ट मशीन ठीक हो और वह अपनी थैरेपी कराएं। कोबाल्ट थैरेपी की मशीन ठीक होने के इंतजार में मरीजों की बीमारी भी बढ़ रही है। साथ ही कोबाल्ट थैरेपी कराने वालों की वेटिंग सात माह से अधिक हो गई है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि शासन ने अस्पताल की मशीनों की एएमसी का ठेका करने की जिम्मेदारी हाइट्स काे दी है।

मंत्री से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक को है जानकारी, ठीक नहीं हुई मशीन

हाइट्स ने अबतक एएमसी नहीं की है। इस कारण मशीन ठीक नहीं हो पा रही है। जीआरएमसी के डीन और जेएएच अधीक्षक इस बारे में कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को लिख चुके हैं। इसके बाद भी हाइट्स ने ठेका नहीं किया।

27 दिसंबर को राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया जब जेएएच के निरीक्षण पर आए थे। तब उनसे कोबाल्ट थैरेपी बंद होने के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि वह इस मामले को दिखवाते हैं, लेकिन अबतक कोबाल्ट की मशीन ठीक नहीं हुई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पिछले माह कहा था कि वह इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे,लेकिन हुआ कुछ नहीं। कोबाल्ट थैरेपी से कॉलेज को राजस्व की जो प्राप्ति होती थी उसका भी नुकसान हो रहा है।

महेश को राेज देने पड़ रहे 5 हजार रुपए

मरीज महेश को डॉक्टर ने 33 कोबाल्ट की सिकाई बताई है। महेश मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का गुजारा करता है। उसके पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं है। उसने जेएएच में सिकाई कराना शुरू कर दी थी। अक्टूबर तक उसकी 18 सिकाई हो गईं थी। इसके बाद मशीन खराब होने के कारण 15 सिकाई नहीं हो पाई हैं। प्राइवेट अस्पताल में प्रति सिकाई के 5 हजार रुपए लग रहे हैं।

जल्द चालू हो जाएगी मशीन

कोबाल्ट मशीन को ठीक करने के आदेश कर दिए हैं। कोबाल्ट मशीन जल्द ही चालू हो जाएगी।

-डॉ. आरकेएस धाकड़, अधीक्षक, जेएएच समूह

कहां से लाएं डेढ़ लाख

ऊधम सिंह को गले का कैंसर है और उनका ऑपरेशन 24 दिसंबर को हुआ था। डॉक्टर ने 30 कोबाल्ट थैरेपी कराने को कहा है। ऊधम सिंह का कहना है कि खेती मजदूरी करके जैसे तैसे अपना और परिवार का गुजारा कर रहा हूं। आयुष्मान कार्ड उनका बना नहीं है। प्राइवेट अस्पताल में सिकाई के डेढ़ लाख रुपए बताए हैं। इतना पैसा कहां से लेकर आऊं। इसलिए सिकाई नहीं करा पा रहा हूं।