कक्का जी बोले- किसान एक साल की तैयारी करके आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होगा, वापस नहीं जाएंगे
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के प्रमुख नेता शिवकुमार कक्का जी ने कहा कि सरकार खुशियां ना मनाए। हमारी मुख्य मांग कृषि कानूनों को वापस लेना और MSP गारंटी का कानून बनाना है, जिस पर हम अड़े हुए हैं, हम अच्छी तरह जानते हैं कि सरकार हमें थका रही है। मगर हम भी एक साल की तैयारी से आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होगा हम सब वापस नहीं जाएंगे। शुक्रवार को भोपाल में किसान नेता शिवकुमार कक्का जी और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
कक्का जी ने कहा कि किसानों के सामने अब अपनी जमीन बचाने की चुनौती है, तीनों कृषि कानून शुरुआती उम्मीद जगाने के बाद किसानों को अंधकार में ढकेलने का काम कर रहे हैं। इनको वापस लेना ही हमारी पहली और आखिरी मांग है।
किसान नेता ने कहा कि हम किसान ना थके हैं और ना झुके हैं, सरकार से वार्ता का कर रहे हैं अपनी मांगे मनवाएंगे। मगर बाहर की सरकारें इसमें दखल ना दें, ये हमारा और हमारी सरकार के बीच का मामला है। किसानों की लड़ाई लंबी है, ये किसानों की आजादी की लड़ाई है, किसान अपनी एकता और पुरुषार्थ से नरेंद्र मोदी और नरेंद्र सिंह तोमर से अपनी मांगे मनवाएंगे। किसान एक साल की तैयारियों के साथ आए है। मांगे मनवाकर ही लौटेंगे।
बता दें कि 26 नवंबर से 4 मांगों को लेकर लाखों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर कड़कड़ाती ठंड में आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में अब तक 44 किसानों की शहादत हो चुकी है। यह आंदोलन 'संयुक्त किसान मोर्चा' के बैनर तले हो रहा है, 7 सदस्यीय कमेटी इस आंदोलन का संचालन कर रही है। इसके दो सदस्य शिवकुमार कक्का और सरदार जगजीत दल्लेवाल हैं। दोनों नेताओं ने मध्य प्रदेश के किसानों से आंदोलन का समर्थन करने की अपील की।
आंदोलन की ये चार प्रमुख मांगें-
कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
MSP गारंटी कानून लागू किया जाए।
प्रस्तावित बिजली बिल रद्द किया जाए।
पराली जलाने को लेकर किसानों का शोषण बंद किया जाए।