नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक की मिलीभगत से बाजार में बिका अनाज
कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अनाज को बाजार में बेचे जाने के मामले में विभागीय अफसरों की मिलीभगत सामने आई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर घोटाले में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक की लापरवाही और राशन माफिया से मिलीभगत की बात कही है।
पत्र में बताया गया है कि जिला प्रबंधक ने न सिर्फ ब्लैक लिस्टेड फर्म से सप्लाई का काम कराया, बल्कि इस बारे में हुई शिकायतों को भी अनदेखा किया। इस कारण गरीबों को सरकार से आया राशन नहीं मिल पाया और शासन-प्रशासन की छवि भी खराब हुई। श्री सिंह ने प्रमुख सचिव को बिंदुवार कारण बताते हुए जिला प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा है। मामले में जिला प्रबंधक संजय सक्सेना ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
1 लाख 24 हजार परिवारों का राशन डकार गए ट्रांसपोर्टर-अधिकारी
मप्र नागरिक आपूर्ति निगम, भोपाल द्वारा मुन्नालाल अग्रवाल की मेसर्स अग्रवाल महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया था। उसके बाद भी आपूर्ति निगम ग्वालियर के जिला प्रबंधक द्वारा इसी फर्म से जड़ी दूसरी फर्म से कार्य कराया गया। इसे कलेक्टर ने अपने पत्र में सप्लायर व अधिकारी की मिलीभगत माना है।
पत्र में कहा गया है कि 31 जुलाई और 4 अगस्त को खाद्य विभाग संचालनालय को पत्र भेजकर मुन्नालाल अग्रवाल और उसके भानजे राहुल अग्रवाल की फर्म अग्रवाल रोड कैरियर द्वारा की जा रही गड़बड़ियों से अवगत कराया गया। इसके बाद भी स्थानीय जिला प्रबंधक द्वारा इन्हीं से काम कराया जाता रहा और राशन घोटाला हुआ। नियमानुसार कंट्रोल की दुकानों पर राशन सामग्री पहुंचाने में यदि ट्रांसपोर्टर द्वारा देरी की जाती है तो आपूर्ति निगम द्वारा उस पर जुर्माना किया जाता है और ये सभी शर्तें अनुबंध में तय रहती हैं।
इसके बाद भी निगम के जिला प्रबंधक द्वारा ऐसा नहीं किया गया और ट्रांसपोर्टर लगातार खाद्यान्न सामग्री बाजार में बेचता रहा। इस कारण लॉकडाउन के दौरान गरीबों को केंद्र सरकार से आया राशन नहीं मिल सका और ट्रांसपोर्टर व अधिकारी 1 लाख 25 हजार परिवाराें के लिए अाए 3 करोड़ 7 लाख रुपए के राशन काे डकार गए। मामले में मुन्नालाल अग्रवाल व उसके भानजे राहुल पर एफआईआर हो चुकी है और दोनों गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
राहुल तीन दिन की रिमांड पर
वहीं राहुल अग्रवाल को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। राहुल को अदालत ने पुलिस को पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर सौंपा दिया। राहुल ने प्रारंभिक पूछताछ में अपने भाई रिक्की व कर्मचारी राज अग्रवाल का नाम लिया है। राहुल ने बताया है कि राशन को भाई रिक्की व राज द्वारा ही बाजार में ठिकाने लगाते थे। राहुल के भाई रिक्की व राज की तलाश में पुलिस ने मंगलवार को संभवित ठिकानों पर दबिश भी दी लेकिन वह नहीं मिले।