रिश्वतकांड की जांच में देरी:न वर्मा ने वॉइस सैंपल दिया और न पंजीयकों ने वर्मा और उसके रिश्तेदारों के नाम से हुईं रजिस्ट्रियां बताईं
इमारत निर्माण की स्वीकृति देने के मामले में पांच लाख रुपए की घूस लेते पकड़े गए नगर निगम के पूर्व सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा के मामले में अब कार्रवाई और जांच की गति मंद पड़ गई है।
घूसकांड को 29 दिसंबर को एक माह पूरा हो जाएगा, लेकिन अभी तक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो काे वर्मा ने अपनी आवाज का सैंपल तक नहीं दिया है। वर्मा की आवाज का मिलान रिश्वत लेने से पहले कराई उसकी रिकॉर्डिंग में उल्लेखित आवाज से कराई जाना है। इसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी। वर्मा को आवाज का सैंपल देने के लिए ईओडब्ल्यू दो बार नोटिस जारी कर चुकी है लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
हालांकि घूस मामले में अधिकांश गवाहों के बयान व फाइल जब्त करने की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन वर्मा की आय से अधिक संपत्ति के मामले में काेई खास जानकारी ईओडब्ल्यू टीम को नहीं मिलीं। इसके लिए ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर, मुरैना, जालाैन और आसपास के जिलाें के पंजीयकाें काे पत्र लिखे थे, लेकिन किसी ने भी इन पत्राें के जवाब नहीं भेजे हैं। ईओडब्ल्यूओ टीम को यह पता नहीं लग सका है कि वर्मा ने अपने या रिश्तेदारों के नाम से किस जिले में कितनी प्रॉपर्टी खरीदी व रजिस्ट्री कराई।
गोपनीय रूप से जानकारी और दस्तावेज जुटा रहे हैं
सिटी प्लानर के रिश्वत के मामले की जांच तेजी से चल रही है। आय से अधिक संपत्ति की जानकारी के लिए पत्र लिखे गए हैं और गोपनीय रूप से जानकारी व दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। कोई भी सिटी प्लानर के भ्रष्टाचार व संपत्ति के बारे में गोपनीय जानकारी कार्यालय में दे सकता है।
-अमित सिंह, एसपी, ईओडब्ल्यू
दवा लेकर आवाज बदलने की कोशिश का शक
यदि प्रदीप वर्मा तीसरे नोटिस के बाद भी अपनी आवाज का सैंपल नहीं देते हैं तो यह माना जाएगा कि रिश्वत डील की रिकॉर्डिंग में उन्हीं की आवाज है। सैंपल देने में देरी से यह भी समझा जा रहा है कि वर्मा कुछ दवा एवं अन्य तरीकों से अपनी आवाज बदलने का षड्यंत्र कर सकते हैं।
ऐसे में वह अंतिम समय में आवाज का सैंपल देकर रिकॉर्डिंग वाली आवाज से इसे मिसमैच कराने का षड्यंत्र कर सकते हैं। सोमवार को शिकायतकर्ता धर्मेंद्र भारद्वाज के गवाह नंदलाल शर्मा और सांवत पचौरिया ने बयान दर्ज कराए हैं।