मरीजों की संख्या घटी लेकिन घातक हुआ कोरोना संक्रमण, ठीक होने के बाद दोबारा हो रहे पॉजिटिव

कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन संक्रमण ज्यादा घातक होता जा रहा है। अब यह देखने में आ रहा है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद जो मरीज ठीक हो रहे हैं, उनमें दो से तीन सप्ताह बाद फिर से काेरोना के लक्षण आ रहे हैं। जांच कराने पर वे पुन: संक्रमित निकल रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मरीजों में देखा गया है कि जब वे संक्रमित हुए थे तो उनके शरीर में एंटी बॉडी पूरी तरह से नहीं बन पाई थी। या फिर कोरोना वायरस संक्रमण की तीव्रता शरीर में इतनी ज्यादा होती है कि शरीर की एंटी बॉडी उस इंफेक्शन को कवर नहीं कर पातीं। इस कारण वे 2 से 3 सप्ताह के अंदर पुन: संक्रमित हो रहे हैं।

यह समस्या उनको अधिक आ रही है जो कोरोना वारियर्स हैं या फिर डायबिटीज के रोगी और वृद्धजन हैं। इसलिए संक्रमित मरीजों को यदि ठीक होने के बाद फिर से बुखार आए या खांसी हो तो तत्काल चेकअप कराकर इलाज लेना चाहिए।

केस-1 आईसीयू इंचार्ज दोबारा हुए संक्रमित

सिटी सेंटर में रहने वाले 42 वर्षीय डॉक्टर एक निजी हॉस्पिटल में आईसीयू इंचार्ज हैं। मरीजों के इलाज के दौरान वे संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इलाज लेकर ठीक भी हो गए। 21वें दिन उन्हें फिर से परेशानी आने पर जांच कराई तो वे फिर से पॉजिटिव निकले। वे पुन: भर्ती हुए और इलाज लिया। कल उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।

केस-2 अस्पताल से घर पहुंचे फिर हुए बीमार

थाटीपुर निवासी 65 वर्षीय वृद्ध बीते माह संक्रमित हो गए थे। इसके बाद वे अस्पताल में भर्ती हुए और 14 दिन बाद घर चले गए। 6 दिन बाद उन्हें बुखार और खांसी होने के साथ सांस फूलने की शिकायत होने लगी। जांच कराई तो उनकी रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आई। अभी भी वे अस्पताल में भर्ती है और इलाज ले रहे हैं।

ठीक होने के बाद पुन: बुखार और खांसी आए तो कराएं जांच

कोरोना का इलाज पूरा होने के कुछ दिन बाद यदि पुन: बुखार आने के साथ खांसी या ठसका बना रहे, चलने-फिरने के साथ नित्य कर्म करने के दौरान सांस फूलने लगे तो ऐसी स्थिति में पुन: विशेषज्ञ को दिखाकर जांच कराएं। यह पुन: कोरोना संक्रमण होने के लक्षण हैं। ऐसे मरीजों को करीब एक माह तक दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है। इसलिए वृद्ध, डायबिटीज के मरीज और कोरोना वारियर्स अब विशेष सावधानी बरतें।