मरीज काे संक्रमण के 7 दिन के भीतर प्लाज्मा देने से फायदा, आईसीएमआर ने जारी की एडवाइजरी

अब गंभीर कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी नहीं दी जाएगी। आईसीएमआर ने इसके लिए एडवाइजरी जारी की है। इसे सीएमएचओ ने सभी कोविड अस्पतालों और कोविड का इलाज करने वाले डाॅक्टर्स को भेज दिया है। एडवाइजरी के मुताबिक, काेराेना के शुरूआती लक्षण आने के 3 से 7 दिन में मरीज काे प्लाज्मा थैरेपी देना ठीक है।

लक्षण आने के 10 दिन या इसके बाद प्लाज्मा थैरेपी का कोई लाभ नहीं है। पूर्व में आईसीएमआर ने कहा था कि मरीज को कोरोना होने की पुष्टि हो जाने के बाद कभी भी प्लाज्मा थैरेपी दी जा सकती है। इसमें इस बात का जिक्र नहीं था कि काेरोना पॉजिटिव होने के कितने दिन बाद प्लाज्मा थैरेपी दी जाए।

अबतक मरीजों को दी गई प्लाज्मा थैरेपी के आधार पर आईसीएमआर ने पाया है कि प्लाज्मा थैरेपी मृत्युदर में कोई ज्यादा कमी नहीं आई है। गाैरतलब है कि कोरोना के मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी देने के लिए अभी तक कोई स्पष्ट गाइड लाइन नहीं थी।

ये लाेग दे सकते हैं प्लाज्मा

18 से 65 साल तक कोराेना से ठीक हाे चुका मरीज प्लाज्मा दान कर सकता है।
वे महिलाएं प्लाज्मा दान कर सकती हैं जो कभी गर्भवती नहीं हुई हों।
मरीज कोरोना होने के 14 दिन बाद प्लाज्मा दान करसकता है।
प्लाज्मा देने वाले का वजन 50 किलो से कम न हो।
एचआईवी और हेपेटाइटिस बी बीमारी वाले का प्लाज्मा नहीं लिया जा सकता है।