आवासीय में मंजूर था माधव नगर, हो रहा था व्यवसायिक उपयोग, गुमटियां तोड़ीं, दुकानों को किया सील

शहर की पॉश कॉलोनी माधव नगर में शनिवार दोपहर 2 बजे नगर निगम ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। माधव नगर के निर्माण के समय इसकी मंजूरी आवासीय कॉलोनी के रूप में ली गई थी, लेकिन वर्तमान में इसका उपयोग व्यवसायिक हो रहा था। नगर निगम का मदाखलत दस्ता पुलिस फोर्स के साथ माधव नगर पहुंचा। सबसे पहले गुमटियां तोड़कर जब्त की गईं। घरों में संचालित दुकानों को भी सील किया गया।

माधव नगर को आवासीय कॉलोनी के रूप में नगर निगम से निर्माण की मंजूरी मिली थी, लेकिन शहर के बीच व पॉश कॉलोनी होने से यहां व्यवसायिक गतिविधियां संचालित होने लगी थीं। यहां कई बड़े डॉक्टर के अस्पताल हैं। मेडिकल स्टोर्स, चाट के कॉर्नर भी हैं। इसके साथ ही कोचिंग सेंटर भी संचालित हो रहे थे। इस कारण यहां रात होते ही असामाजिक तत्व भी सक्रिय हो जाते थे। इसी सिलसिले में एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी। याचिका के संबंध में उच्च न्यायालय ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। शनिवार को पुलिस फोर्स मिलने के बाद नगर निगम के सहायक सिटी प्लानर महेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व में मदाखलत अमला यहां पहुंचा।

टीम ने यहां तोड़फोड़ शुरू कर दी। पहले चाय और पान की गुमटियां हटाई गईं। घरों के बाहर दुकानों के लिए बनाए गए पोर्च तोड़े गए। करीब 30 दुकानों को सील किया गया। इस दौरान कुछ स्थानीय नागरिकों ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस फोर्स होने के कारण सफल नहीं हो सके।

फोर्स न मिलने पर दो दिन से लौट रहा था अमला

वैसे तो कार्रवाई गुरुवार को होना थी। नगर निगम का अमला तो माधव नगर के बाहर पहुंच गया था, लेकिन फोर्स नहीं मिल सका था। इसके बाद शुक्रवार को भी फोर्स उपलब्ध न होने से कार्रवाई नहीं हो सकी। शनिवार को फोर्स मिला, तब कार्रवाई को अंजाम दिया जा सका