निगम कमिश्नर की गैर मौजूदगी में ईओडब्ल्यू की टीम निगम मुख्यालय पहुंची, फाइलें खंगाली

प्रदेश के हाई प्रोफाइल रिश्वत कांड में जांच कर रही ईओडब्ल्यू की टीम शुक्रवार को नगर निगम मुख्यालय पहुंच गई। तत्कालीन सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा के मामले में रिकार्ड लेने पहुंची टीम की सूचना पर निगम में हड़कंप मच गया। ईओडब्ल्यू की टीम आयुक्त संदीप माकिन की अनुपस्थिति में अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव से मिली। टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी लोकेंद्र सिंह तोमर के तेवर सख्त नजर आए। उन्होंने अपर आयुक्त से कहा कि आपके कार्यालय मेंं निगम से संबंधित मामलों की जानकारी मांगने पर भी नहीं मिलती है।

सिर्फ इतना जवाब पहुंचता है कि नीचे के अधिकारियों से जानकारी मांगी जा रही है। उन्होंने प्रदीप वर्मा की नौकरी संबंधी फाइल को तत्काल देने के लिए कहा। इस पर अपर आयुक्त ने शाम तक पूरी फाइल भेजने की बात कही। हालांकि शाम तक फाइल तैयार कर ली गई लेकिन ईओडब्ल्यू को नहीं पहुंचाई गई। ब्यूरो द्वारा सिटी प्लानर की संपत्ति के मामले में अन्य विभागों के भेजे गए पत्रों की जानकारी न आने पर अब ब्यूरो इन विभागों से फिर संपर्क करेगा व पत्र लिखेगा।

टीम ने अपर आयुक्त से सवाल किया कि श्री वर्मा के पास बिना काम वाली 30-35 फाइलें कैसे पहुंच गईं। इस पर अपर आयुक्त ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। ईओडब्ल्यू की टीम ने अपर आयुक्त श्री श्रीवास्तव से ऐसा एक अधिकारी नियुक्त करने को कहा है जो प्रदीप वर्मा के हस्ताक्षर आदि की पुष्टि जांच के दौरान कर सकता हो।

रिश्वत वाले मामले की फाइल ब्यूरो को मिली

निगम ने सिटी प्लानर श्री वर्मा को 5 लाख की रिश्वत दिए जाने के प्रकरण की पूरी फाइल भी ब्यूरो को निगम द्वारा गुरुवार को दे दी गई है। इस फाइल में क्या गड़बड़ी थी और प्रदीप वर्मा ने इस फाइल में क्या-क्या किया यह जांच ब्यूरो अधिकारी करेंगे।

निगम को दी गई संपत्ति की जानकारी मांगी

ब्यूरो अधिकारियों ने सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा द्वारा अपनी संपत्ति के संबंध में नगर निगम के जरिए आयकर विभाग को दी गई जानकारी भी तलब की है। इससे यह पता चलेगा कि वर्मा ने टैक्स बचाने के लिए कहां निवेश कर रखा है और उनके पास कितनी संपत्ति है।