आज रात से लगेगा मलमास, चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक काम
मंगलवार रात से मलमास (धनुर्मास) शुरू हो रहा है। मलमास लगने के साथ ही चार माह तक किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य नहीं होगा। मांगलिक कार्यों के लिए सभी को चार माह तक इंतजार करना पड़ेगा। मलमास के तहत विवाह, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश आदि शुभ कार्य करना निषेध माना गया है।
हिंदू परंपरा में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभिष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं जिसे मलमास कहते हैं।
15 दिसंबर की रात 9.32 से मलमास का शुभारंभ होगा। जो 14 जनवरी 2021 को सुबह 8.14 पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ समाप्त होगा। जब सूर्य गोचरवश धनु में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति कहा जाता है। सूर्य एक राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि में स्थित होने की अवधि को ही मलमास कहा जाता है। मलमास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवीत, मुंडन, गृहारंभ व गृहप्रवेश आदि वर्जित माने गए हैं।
अब 19 अप्रैल के बाद हो पाएंगे मांगलिक कार्य
सामान्यतः मलमास की समाप्ति के बाद मकर संक्रांति से सभी मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है लेकिन आगामी 2021 में 14 जनवरी मलमास की समाप्ति के बाद भी गुरु व शुक्र अस्त सहित मीन संक्रांति होने के कारण इस बार 15 दिसंबर से 19 अप्रैल तक किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे।
4 माह तक करना पड़ेगा मांगलिक कार्य हेतु इंतजार। 19 अप्रैल 2021 को शुक्र उदय के बाद विवाह आदि मांगलिक कार्यों का होगा शुभारंभ होगा। डॉ. विष्णु कुमार शास्त्री द्वारा निर्मित सिद्धविजय पंचांग के अनुसार आगामी मांगलिक आयोजन 4 माह के बाद आरंभ होंगे।
गुरु अस्त- 18 जनवरी 2021 से 13 फरवरी 2021 तक
शुक्र अस्त- 13 फरवरी 2021 से 19 अप्रैल 2021 तक
मीन संक्रांति (अन्य मलमास )
14 मार्च 2021 को सायंकाल 6.03 पर सूर्य पुनः गुरु की मीन राशि में प्रवेश करेगा जो 14 अप्रैल 2021 को सूर्योदय पूर्व रात में 2.31 पर मेष राशि मे प्रवेश करेगा। पंडित संजय शिवशंकर दवे ने बताया कि गुरु तथा शुक्र अस्त के 3 दिन पूर्व से गुरु शुक्र का वार्धक्य व गुरु शुक्र उदय होने के 3 दिन पर्यंत गुरु शुक्र का बाल्यत्व कालावधि रहती है। इन तीन-तीन दिन में विवाह आदि मंगल कार्य करना सर्वथा निषेध रहता है। इसी कारण 19 अप्रैल को शुक्र तारा उदित होने के उपरांत भी विवाह मुहूर्त 19 अप्रैल के बाद 24 अप्रैल से आरंभ होंगे।