जिसे खाया नहीं जा सकता उस केमिकल से चमका रहे थे आलू, फैक्टरी में फैली थी सड़े हुए आलुओं की बदबू
फैक्टरी में घुसते ही अजीब सी बदबू से दो-चार हुए अधिकारियों को मास्क पहनने के बाद भी नाक रूमाल से ढंकना पड़ा। यह बदबू चिप्स बनाने वाले उस कारखाने से आ रही थी, जहां बोरियों में सड़े आलू भरे थे। आलुओं की हालत ऐसी थी कि इन्हें इंसान भी खाना तो दूर, जानवर तक देखकर मुंह फेर ले। आलू से निकलने वाली गंदगी के कारण बोरियां तक गल गई थीं। हालांकि आलू के बाद जब चिप्स देखने की बारी आई, तो यकीन ही नहीं हुआ कि यह चमकदार और क्रिस्पी चिप्स इन्हीं आलू से बनी होंगी। सड़े आलू से बनी चिप्स को सजाने के लिए फैक्टरी में हाइड्रो पाउडर का उपयोग हो रहा था। यह पाउडर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत मिलावटखोरों के विरुद्ध अभियान जारी है। इसी कड़ी में सोमवार को टीम ने सांवेर रोड के अवंतिका नगर स्थित सांवरिया फूड प्रोडक्ट पर छापा मारा। एडीएम अभय बेड़ेकर ने बताया कि कारखाने में प्रवेश करते ही टीम हैरान रह गई। पूरा कारखाना अजीब सी दुर्गंध से भरा हुआ था। यह दुर्गंध सड़े आलुओं की थी, जिन्हें केमिकल से वॉश कर चिप्स तैयार की जा रही थी। एसआरडी चिप्स के नाम पर कई फ्लेवर में चिप्स तैयार किया जाता है। इसके बाद उन्हें पैकिंग कर मार्केट में बिक्री के लिए भेजा जाता है। कारखाने से करीब डेढ़ हजार क्विंटल सड़ा आलू और केमिकल बरामद किया गया।
उन्होंने बताया कि कारखाने का संचालन रतन कुमावत पिता सुखलाल कुमावत कर रहा है, जबकि कारखाने का मालिक सुखलाल कुमावत है। सांवरिया फूड पर जिस केमिकल से सड़े गले आलुओं को धोया जा रहा था, वह खाने योग्य नहीं है। यह हाइड्रो पावडर है, जिसका उपयोग अन्य कामों के लिए किया जाता है। हाइड्रो पाउडर नॉन एडिबल है, जिससे आलू धोया जा रहा है, जो अनसेफ श्रेणी में आता है।