पूर्व सीएम कमलनाथ पर श्योपुर से कांग्रेस के ही विधायक बाबूलाल जंडेल ने साधा निशाना
उपचुनाव में मिली हार के बाद पहली बार कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच की गुटबाजी को कांग्रेस के ही विधायक ने उजागर कर दिया है। रविवार को श्योपुर में हुई कांग्रेस की बैठक के दौरान श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल ने उपचुनाव में मिली हार के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ जिम्मेदार ठहरा दिया।
रविवार को एनएसयूआई (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन) ने शहर की श्रीराम धर्मशाला में अन्नकूट प्रसादी का कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम के तहत कांग्रेस की बैठक भी हुई। इसमें पहुंचे कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि उप-चुनाव में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व सीएम कमलनाथ ने देश व प्रदेश के सबसे बड़े नेता पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को दूर कर दिया और परदे के पीछे रखा। यहां तक की उनकी टिकटों में भी नहींं चलने दी। उप-चुनाव में मुझे पोहरी विस का प्रभारी नियुक्त किया, लेकिन टिकट कमलनाथ ने खुद की मर्जी से दिया जाे कि जनभावना के विपरीत था। समझ ही नहींं आ रहा था कि टिकट उप-चुनाव जिताने के लिए दिए जा रहे हैं या हारने के लिए।
उन्होंने कहा कि 2018 में हुए चुनाव के बाद दिग्विजय सिंह चाहते तो अपने बेटे जयवर्धन सिंह को सीएम बना सकते थे, लेकिन उन्होंने कमलनाथ को चुना। इसके बाद भी कमलनाथ ने उन्हें प्रदेश में ऐसा बता दिया कि जैसे दिग्विजय सिंह के कारण पार्टी उप-चुनाव हार जाएगी और उन्हें पीछे रखते हुए छवि बिगड़ी। इस दौरान बैठक में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल चौहान, पीसीसी सचिव चौधरी गिर्राज सिंह, रामलखन हिरनीखेड़ा, योगेश जाट, अशोक गोयल, रितेश तोमर, संजीव कुशवाह, अंशु शुक्ला, लक्ष्मी शिवहरे, कमल शर्मा, अनवर बालापुरी, सुजीत गर्ग, राहुल चौहान सहित अन्य कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पहली बार एक मंच पर पूरी जिला कांग्रेस: जिलाध्यक्ष दर्द छलका, बाेले- प्रतिस्पर्धा मुझसे, कांग्रेस से मत करो
रविवार को पहली बार कांग्रेस एक मंच पर नजर आई। यानी यहां विधायक, जिलाध्यक्ष से लेकर सभी नेता एक साथ बैठक में शामिल हुए। क्योंकि अब तक कांग्रेस जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में होने वाले आयोजन में विधायक से लेकर अन्य नेता कभी शामिल नहींं हुए और न ही बैठकें एक साथ की। लेकिन रविवार को हुई बैठक में जब सब नेता एक साथ मंच पर बैठे तो 6 माह पहले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बने अतुल चौहान का भी दर्द छलक पड़ा। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा अगर है तो वह मुझसे है, कांग्रेस हमारी मां है। जिसने हमें पद और प्रतिष्ठा दी। इससे कोई भी दूरी न बनाएं। मतभेद अपनी जगह है, लेकिन मनभेद नहींं होना चाहिए। यह इशारा उन्होंने कांग्रेस विधायक जंडेल व उन नेताओं के लिए किया जो जिलाध्यक्ष से दूरी बनाकर चल रहे हैं।
नपा टिकट: पीसीसी सचिव बोले- नेता की पत्नी को नहींं, कार्यकर्ता को मिले टिकट, जिससे उन्हें उनका इनाम मिले
बैठक में सिर्फ आपसी खींचतान व अन्य बातें ही नहींं हुई। यहां 9 दिसंबर को हुए नगरीय निकाय के अध्यक्षों के आरक्षण के बाद कांग्रेस की बैठक में टिकटों को लेकर भी बात की गई। इसमें पीसीसी सचिव योगेश जाट ने कहा कि आरक्षण के बाद से कई नेता अपनी पत्नियों को टिकट दिलाने की जुगाड़ में हैं। पार्टी में महिला कार्यकर्ता भी सालों से मेहनत कर रही हैं, इसलिए कांग्रेस को चाहिए कि वह उन्हीं महिला कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष व पार्षद का टिकट दें ताकि उन्हें भी उनकी मेहनत का इनाम मिल सके और उन नेताओं के नाम पैनल भी नहीं शामिल किए जाएं जो अपनी पत्नी को टिकट दिलाने की उम्मीद पाले बैठे हैं। इस पर अन्य नेताओं ने कहा कि नपा टिकट की बात यहां न की जाए, क्योंकि इसके लिए अलग से बैठक होगी।