बढ़ सकता है लोकपाल की नियुक्ति का इंतज़ार, केन्द्र सरकार ने नहीं दी कोई समयसीमा
भारत के पहले लोकपाल के लिए और लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है. केंद्र सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट में कोई एक निश्चित समयसीमा नहीं दी है. सरकार ने नए हलफनामे में लोकपाल अधिनियम के नियमों और प्रावधानों का हवाला दिया लेकिन भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल की नियुक्ति के लिए कोई समयसीमा का सुझाव नहीं दिया है.
सरकार ने 2 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अगले 10 दिनों में वो टाइमलाइन के बारे में बताएंगे. लेकिन अब नए हलफनामे में कहा गया है कि पहले सर्च कमेटी से इस बारे में बातचीत की जाएगी. 19 जुलाई को सर्च कमेटी के साथ बैठक निर्धारित की गई है.
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) के सचिव ने हलफनामे में बताया कि सिलेक्शन कमेटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा सभापति, भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके नामांकित और प्रतिष्ठित न्यायवादी शामिल हैं. इन सबको को सर्च कमेटी के लिए कम से कम सात लोगों को नॉमिनेट करना होगा.
इसके बाद सर्च कमेटी सलेक्शन की प्रक्रिया निर्धारित करेगी, जिसके बाद चयन समिति उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करेगी. हलफनामे के मुताबिक सर्च कमेटी फिलहाल नहीं है, इसलिए लोकपाल की नियुक्ति के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं दी जा सकती है.
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होगी. पिछले दिनों यानी 2 जुलाई को देश में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्र को 10 दिनों के अंदर नियुक्ति की समयसीमा तय करने का निर्देश दिया था.
इस मामले में केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके. वेणुगोपाल ने लोकपाल की नियुक्ति के संबंध में सरकार की ओर से प्राप्त लिखित निर्देश सौंपे और बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस मसले पर बैठक आयोजित करेंगे.