खुलेआम घूम रहे संक्रमित, क्योंकि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उन्हें बताया नहीं

सैपलिंग बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमला ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने पर जोर दे रहा है, लेकिन संदिग्धों की स्पष्ट जानकारी नहीं हाेने से खतरा बढ़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों की काेराेना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, 48 घंटे बीतने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग का अमला न तो उनसे संपर्क कर संक्रमित होने की जानकारी दे पा रहा है और न ही उन तक दवाइयां पहुंचा पा रहा है।

इस कारण संक्रमितों से न सरकारी अमले का उनसे संपर्क हो पाया अाैर न उन्हें दवाएं दी गईं। जाहिर है कि खुद के संक्रमित होने से बेखबर लोग स्वस्थ लोगों की भांति गांव और शहर में खुलेआम घूमकर अनजाने में ही दूसरे लोगों को कोरोना परोस रहे हैं।

3 मामले रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी मरीज की जानकारी तक नहीं जुटाई

पंचायत सचिव को ही नहीं पता उनके गांव में कौन निकला संक्रमित

मेहगांव भितरवार निवासी 30 वर्षीय महिला 4 दिसंबर की जांच रिपोर्ट में संक्रमित निकली। चिंता की बात यह है कि गांव के रोजगार सहायक को भी महिला के संक्रमित होने की जानकारी नहीं है। महिला के नाम के आगे जो मोबाइल नंबर लिखा है, वह किसी सूरज कुशवाह का है, जो मेहगांव भितरवार में ही रहता है, लेकिन वह संक्रमित से परिचित नहीं है।

तीन निकले संक्रमित, इनकी जानकारी किसी को भी नहीं

चार दिसंबर को आई रिपोर्ट में जौरा के 21 वर्षीय युवक और 32 वर्षीय महिला के साथ ही उटीला की 24 वर्षीय युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि, उनके नाम के आगे जो मोबाइल नंबर दिया है, वह अमान्य है। इस कारण उनसे संपर्क ही नहीं हो पा रहा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पास तीन में से एक संक्रमित की ही जानकारी

5 दिसंबर की जांच रिपोर्ट में रामपुरा घाटीगांव के तीन लोग संक्रमित निकले, लेकिन तीन में से एक भी संक्रमित को न तो अस्पताल में भर्ती कराया गया, न ही उन्हें दवाएं दी गईं। कारण- तीनों के मोबाइल नं‌बर गलत मिले। एक संक्रमित के नाम के आगे गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मोबाइल नंबर लिखा था। फोन करने पर उन्होंने बताया कि वह एक संक्रमित को जानती हैं।

बीएमओ और आशा कार्यकर्ताओं की मदद लेंगे

इस प्रकार की समस्या की जानकारी आपके माध्यम से प्राप्त हुई है। जांच कराने वालों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की स्थिति में समय रहते जानकारी दी जा सके, इसके लिए रोजगार सहायक, पंचायत सचिव के साथ ही ब्लाॅक मेडिकल आफिसर और आशा कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी।