सुल्तान व शाबिर जमीन की हेराफेरी करते बने बडे भूमाफिया, प्रशासन ने आलीशान 3 अवैघ निर्माणों को गिराया
इंदौर. शहर के बड़े भूमाफिया और गूंडों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन निगम के साथ मिलकर एंटी माफिया अभियान चला रही है। अभियान के तहत अब तक 10 से ज्यादा गूंडे-बदमाशों के मकान ध्वस्त किए जा चुके है। बुधवार को टीम ने दो बड़े भूमाफिया बब्बू और छब्बू के आलीशान तीन अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया।
बता दें कि भूमाफिया बनने से पहले बब्बू-छब्बू टेलर और पेंटर का काम करते थे। बब्बू उर्फ सुल्तान शेख मालवा मिल इलाके में शर्ट बनाने का काम करता था और छब्बू उर्फ शाबिर पेंटरी करता था। 2015 में गुंडे शहजाद लाल हत्याकांड में नाम आने से पहले बब्बू और छब्बू मामूली बदमाश थे, उन्होंने खुद क्राइम से पीछे हटते हुए गुंडों से काम करवाना शुरू किया और अवैध कारोबार का साम्राज्य खड़ा कर लिया। बब्बू-छब्बू के सिंडीकेट में रसूखदार लोगों के साथ ही विभिन्न पार्टियों के नेता और कुछ पुलिस अफसरों के शामिल होने की भी बात कही जाती रही।
बब्बू-छब्बू ने खजराना क्षेत्र में इन भूमाफियाओं की मदद से जमीन की जादूगरी का खेल शुय किया। संस्था के संचालकों से सांठगांठ कर यहां की जमीन पर अपनी कॉलोनी बसाना शुरू कर दी है। इस जमीन से लगे दाऊदी नगर में भी संस्था की जमीन पर प्लॉट बेचे गए। न्याय नगर सहित कई संस्थाओं की जमीन पर अवैध कॉलोनी काटी गई।
नोटरी पर प्लॉट बेचे
संस्था की जमीन पर बदमाशों ने टेबल लगाकर नोटरी पर प्लॉट बेचे। प्लॉटों की कीमत तय कर दी गई जिसके पैसे आते ही भूमाफियाओं और प्लॉट बेचने वाले बदमाश आपस में पैसा बांट लेते। प्लॉट का पैसा आने पर भूमाफिया चूने की रंगत डालकर खरीदार का कब्जा भी दे देते थे जिस पर तुरंत मकान बनाने की शर्त होती थी। सस्ते में प्लॉट मिलने पर लोगों ने भी तुरंत मकान बना लिए। जमीन का यह अवैध धंधा इतना फला-फूला कि जिन बदमाशों के पास खाना खाने तक के पैसे नहीं रहते थे अब उनके पास गाड़ी और बंगला आ गया। बब्बू-छब्बू भी इसी खेल से इतने फले-फूले की टेलरिंग और पेंटर से सीधे बंगले और हाईटेक सुरक्षा में रहने लगे। शहर के अलावा प्रतापगढ़, राजस्थान, रतलाम, मंदसौर में भी इन्होंने जमीनों में निवेश किया।