काेराेना संक्रमण और स्टांप ड्यूटी में कटाैती से आय घटी इसलिए इस बार बढ़ सकती है संपत्ति की कीमत
संपत्ति की कीमत तय करने वाली कलेक्टर गाइड लाइन में कुछ संशोधन हो सकते हैं। इसके लिए 26 नवंबर को पंजीयन मुख्यालय से मिले निर्देश पर चार विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें वर्ष 2021-22 में जमीन की कीमतों में कहां वृद्धि करनी है और कहां कटौती, इसको लेकर मप्र गृह निर्माण मंडल, नगर निगम, नगर तथा ग्राम निवेश के अलावा जीडीए से 15 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।
इसमें शहर में बनी नई कॉलोनी, प्रमोटर का नाम, प्रोजेक्ट में मंजिलों के हिसाब से आवासीय व व्यावासियक दर आदि के बारे में पूछा गया है। दरअसल, कोरोना संक्रमण और स्टांप ड्यूटी में 2 फीसदी की कटौती के कारण पंजीयन आय में लगातार गिरावट हो रही है। इस साल के 9 महीनों में विभाग को सिर्फ 206 करोड़ रुपए मिले हैं जबकि टारगेट 400 करोड़ का तय है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में दस्तावेज पंजीयन का काम 3568 लोकेशन के हिसाब से हो रहा है। गत वर्ष 87 नई लोकेशन बनी थी पर ऐन वक्त पर वहां कीमत में वृद्धि के कारण प्रस्ताव वापस हो गए थे।
जिला पंजीयक डॉ. दिनेश गौतम ने बताया कि 15 दिसंबर को मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल, नगर निगम, नगर तथा ग्राम निवेश के अलावा जीडीए से रिपोर्ट आने के बाद उप मूल्यांकन समितियों की बैठक की तैयारी की जाएगी।
ऐसे समझें...सिस्टम में होने वाले बदलाव को
छूट सिर्फ 31 दिसंबर तक
स्टाम्प ड्यूटी में वर्तमान में 2 फीसदी की छूट हितग्राहियों को सिर्फ 31 दिसंबर तक मिलेगी। इसके बाद ड्यूटी पहले की तरह 12.5 फीसदी की जा सकती है।
लश्कर में ज्यादा हुईं रजिस्ट्री
वृत-1, मतलब लश्कर, डबरा और भितरवार में इस वर्ष नवंबर तक 830 दस्तावेज ज्यादा पंजीयन हुए हैं। इसका कारण यहां पर प्लॉट साइज छोटे होने को माना जा रहा है।
सिटी सेंटर में 7 दिन की वेटिंग
वृत-2, मतलब सिटी सेंटर और मुरार में पिछले 10 महीने में 2 हजार दस्तावेज कम पंजीयन हुए हैं। इसके बाद भी इन दिनों यहां पर स्लॉट बुकिंग के लिए एक सप्ताह की वेटिंग चल रही है।