11 महीने में 9 निराश्रित युवतियों को फॉस्टर केयर योजना से मिले जीवनसाथी, बहू बनाने के लिए संभ्रांत परिवार आ रहे आगे

महिला बाल विकास विभाग की फॉस्टर केयर योजना निराश्रित युवतियों को एक नया जीवन देने में मददगार साबित हो रही है। पिछले 11 महीने में 9 निराश्रित युवतियों को फॉस्टर केयर योजना के तहत अपने जीवनसाथी मिले हैं। विशेष बात यह है कि इन युवतियों को बहू के रूप में अपनाने वाले संभ्रांत घरों और व्यापारिक समाज के परिवार अधिक संख्या में हैं।

सोमवार को शहर के गायत्री मंदिर में वन स्टॉप सेंटर में रह रही निराश्रित युवती की शादी शहर के एक व्यापारिक परिवार के बेटे से कराई गई। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालीन शर्मा ने बताया कि यह युवती विभाग के अंतर्गत चलने वाले बालिका आश्रमों में रहकर पली-बढ़ी है। इसके बाद महिला सशक्तिकरण योजना के तहत कंप्यूटर की ट्रेनिंग दिलाई गई और वर्तमान में एक प्राइवेट कंपनी में 10 हजार रुपए प्रतिमाह की सैलरी पर नौकरी भी कर रही है।

व्यस्क होने पर फोस्टर केयर की देखरेख में युवती को दिया गया और पिछले कुछ दिनों से वन स्टॉप सेंटर में रह रही थी। विभागीय अधिकारियों, सोशल वर्कर ऐसे युवतियों के लिए अच्छे परिवार तलाश करने का काम करते हैं। सभी नियमों का पालन करने बाद ही युवतियों को जीवनसाथी के चुनाव करने में मदद की जाती है।

लाॅकडाउन में भी करवाई शादी

विभागीय अधिकारियों के अनुसार बीते जुलाई माह से लेकर अब तक कुल 9 निराश्रित युवतियों की शादी वे करा चुके हैं। सभी युवतियां अपने जीवनसाथी और नए परिवार के साथ खुश हैं। विभागीय अधिकारी शादी होने के बाद भी अगले 6 महीने तक परिवार में युवती की कुशलक्षेम जानते रहते हैं। अभी तक की रिपोर्ट में सभी 9 युवतियां अपने परिवार में बहुत खुश हैं। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान ही उन्होंने 6 युवतियों की शादी करा दी थी। पिछले एक सप्ताह में 3 और अन्य युवतियों की शादी विभागी की मदद से कराई गई है।