बालिका सुरक्षा विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा - मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज एमवाय अस्पताल पहुंचे और उन्होंने मंदसौर की पीड़ित बालिका के संबंध में चिकित्सकों से जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि हिन्दू धर्म में बालिका को देवी का रूप माना गया है। वह पूजनीय है। उसके चरण धोकर माथे पर चढ़ाया जाता है। मगर समाज में कुछ दिग्भ्रमित लोग मानवता को शर्मशार कर रहे हैं। ऐसे नरपिशाचों को फाँसी की सजा दी जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि वे शुरू से ही दुष्कर्म पीड़ित बालिका के संबंध में एमवाय अस्पताल के अधीक्षक से प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से जानकारी हासिल कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिये कृत-संकल्पित हैं। बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर तीन माह में सजा दिलाई जायेगी। दुष्कर्मियों को हाईकोर्ट और सुप्रीप कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिलनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने एमवाय अस्पताल में मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि दुष्कर्म पीड़ित बालिका के स्वास्थ्य, शिक्षा आदि का खर्च राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे समाज को बेटियों की सुरक्षा और इज्जत करनी चाहिये। राज्य शासन की मंशा है कि प्रदेश में बेटियाँ सुरक्षित रहें, पलें, बढ़ें और उन्नति करें। उन्होंने कहा कि बालिका सुरक्षा विषय को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जायेगा।
इस अवसर पर उनके साथ जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा, महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, मुख्यमंत्रीजी की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, विधायक महेन्द्र हार्डिया, कमिश्नर राघवेन्द्र सिंह, एडीजी अजय शर्मा, कलेक्टर निशान्त वरवड़े, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र, नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह, अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा आदि साथ थे।