पायलट मुरैना में शिवराज पर हमलावर रहे दोस्त सिंधिया का दूसरे दिन भी जिक्र नहीं

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुरैना विस के रन्चोली में चुनावी सभा को संबोधित किया। बुधवार को पायलट शिवराज पर तो हमलावर हुए लेकिन अपने दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दूसरे दिन भी अपने भाषण में कुछ नहीं बोले। मुरैना विस के रन्चोली में कहा कि हमारे परिवार का राजनीतिक बैकग्राउंड सिर्फ 60 साल पुराना है, कोई 200-400 साल पुराना नहीं है। हां, इतना जनता हूं कि जो भी काम किया पूरी ईमानदारी और मेहनत से किया। मप्र की 28 सीटों पर होने वाला उपचुनाव देश के सामने उदाहरण पेश करने का मौका है। जनता को सही और गलत का फर्क पहचानकर अच्छे व सच्चे प्रत्याशी को जिताना होगा।

उन्होंने कहा कि गरीब अपने वोट की ताकत को कम न समझें। सरपंच, विधायक, सांसद बनना है तो हाथ जोड़कर नाक रगड़नी पड़ती है, यह गरीबों के वोट की ताकत है। पांच साल चुनाव जीतने के बाद नेता कहीं भी रहे, पांच साल बाद उन्हें गरीबों के सामने ही गिड़गिड़ाना पड़ता है। मालूम हो कि पायलट दो दिन में नौ विस (करैरा, पोहरी, जौरा, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, गोहद, मुरैना, मेहगांव, डबरा) सीटों पर पहुंचे।लेकिन अंचल में सबसे ज्यादा गुर्जर वोटों वाली सुमावली विस सीट पर पायलट की सभा नहीं हो पाई, क्योंकि यहां पर सभा की अनुमति कांग्रेस को नहीं मिल पाई।

मप्र में दुर्योधन-दुस्साशन ने किया लोकतंत्र का चीरहरण: प्रमोद

महाभारत में द्रोपदी का चीरहरण भले ही दुर्योधन-दुस्साशन ने किया हो लेकिन उस सभा में मूकदर्शक बैठे बड़े-बड़े लोग भी उतने ही बड़े अपराधी थे, जितने बड़े वह दोनों थे। इसी तरह मप्र में भी लोकतंत्र का चीरहरण हुआ है। अगर अब भी आप लोग मूकदर्शक बने रहे तो इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा।