भारतीय को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजने का इसरो का पहला परीक्षण रहा सफल

नई दिल्ली ।देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की तरफ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और कदम बढ़ा दिया है। वैज्ञानिकों ने बृहस्पतिवार की सुबह स्पेस कैप्सूल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस कार्यक्रम के तहत भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष की यात्रा कर पाएंगे। इसका परीक्षण वैज्ञानिकों ने श्रीहरिकोटा में किया है।
टेस्ट के बारे में बताते हुए इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा कि पैड अबॉर्ट पर सुबह 7 बजे श्रीहरिकोटा में किया गया परीक्षण एक बहुत बड़ी सफलता है। इसमें मानव की जगह एक क्रू मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
मॉडल के साथ एक कैप्सूल भी रखा गया है जो कि एक रॉकेट इंजन से जुड़ा है। जब सॉलिड मोटर इंजन में आग जलते ही वह हवा में लॉन्च हुआ तो वह कैप्सूल हवा में ही इंजन से अलग हो गया और कुछ देर बाद कैप्सूल अपनी नामित जगह यानि समुद्र में सुरक्षित उतर क्रू कैप्सूल पर किए गए इस परीक्षण में कुल 259 सेकेंड का समय लगा। यह परीक्षण मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत किया गया है। इसमें क्रू कैप्सूल का प्रयोग इसलिए किया गया ताकि पता चल सके कि जो भी मानव भविष्य में इसका प्रयोग करता है तो वह सुरक्षित रहे।
उन्होंने कहा कि अब अगला परीक्षण मानवीय मिशन पर आधारित होगा। साथ ही उसमें कैप्सूल को फ्लाइट मोड में रखने पर जोर दिया जाएगा। आज की ही तरह अभी और भी कई अवयव ऐसे हैं जिनका भारत के पहले अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत पर परीक्षण किया जाना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में मानव को अंतरिक्ष तक पहुंचाने और धरती पर वापस सुरक्षित लाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह अपने कर्मियों को अंतरिक्ष यान के अलावा लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ भेजेंगे।